मनपसंद विषय चंकर एक संदेश लिहिये
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मेरा प्रिय विषय: चित्रकारी
जब नर्सरी में मेरा दाखिला हुआ, मुझे स्कूल जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे मेरी दोस्ती रंगो से हुई, मैने स्कूल को ही अपना घर और रंगो को अपना दोस्त बना लिया, बस फिर क्या था, मै दिनभर कक्षा में चित्रकारी ही किया करती थी, और सिर्फ स्कूल में ही नहीं, घर में भी। मुझे अलग-अलग रंगो से खेलना बहुत भाता था, और इस तरह मै हर समय व्यस्त भी रहती थी, और मेरे माता-पिता को मुझे सम्भालने के लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती थी। वो मुझे अलग-अलग प्रकार के रंग दिया करते थे।
इसका पूरा श्रेय मेरी कक्षा-अध्यापिका को जाता है। ये उन्ही की देन थी जिस कारण मेरा रूझान इस ओर हुआ। उनका चीजों को समझाने का तरीका इतना शानदार होता था, कि ना चाहते हुए भी आपका मन उस विषय में रम जाए। वो हर चीज को बड़े ही रचनात्मक तरीके से कहानी के माध्यम से बड़े ही रोचक तरीके से वर्णन करती थी, जिससे मन में हर वस्तु की छवि उभर जाती थी। मुझे हर वस्तु को रंगो में पिरोना अच्छा लगता था, धीरे-धीरे यह मेरा पसंदीदा विषय बन गया।