मनपधारा
1. पकड़ बारि की धार झूलता है मेरा मन,
जाओ सब मुझे घेर का गाओ सावन ।
इनाधनुष के शूने में झूलें मिल सब जन,
फिर-फिर आये जीवन में सावन मनभावन ।।
1.
कपि जीवन में बार-बार क्या आने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं?
2.
रेखांकित शन के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
3.
कविता में इन्द्रधनुष को किसके समान बताया गया है ?
उ.
3
इस कविता के कवि कौन हैं?
4.
3.
5. कवि का मन किसे पकड़ कर झूलता है?
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