Social Sciences, asked by aryanaryanumankhan, 6 months ago

मनरेगा 2005 को लागू करने का उद्देश्य स्पष्ट करें​

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Answered by shishir303
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सितंबर 2005 को भारत सरकार ने ‘राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005’ लागू किया था। शुरुआत में इस योजना का नाम ‘राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ यानी ‘नरेगा. रखा गया लेकिन अक्टूबर 2009 में इसका नाम बदलकर ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ यानी ‘मनरेगा’ कर दिया गया।

‘मनरेगा- 2005’ को लागू करने का उद्देश्य...

‘महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ यानी ‘मनरेगा 2005’ को लागू करने के उद्देश्य निम्नलिखित थे...

  • इस अधिनियम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने में सक्षम उन सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया था, जिन्हे वास्तव में काम की जरूरत है और जो बेरोजगार हैं।
  • सरकार द्वारा ऐसे लोगों को एक साल में कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी सुनिश्चित कराई गई। न्यूनतर मजदूरी ₹ 220 तय की गयी।
  • इस अधिनियम में यह भी उल्लेखित किया गया था कि यदि सरकार न्यूनतम 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने में असफल रहती है, तो वह प्रभावित लोगों को बेरोजगारी भत्ता देगी।
  • इस अधिनियम के तहत उन सभी कामों को वरीयता दी गई जिससे भविष्य में भूमि उत्पादन के काम में बढ़ोतरी हो।

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Answered by lakshaysoni01279473
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Answer:

मनरेगा को “एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जिसके लिए प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को अकुशल मैनुअल काम करने के लिए स्वयंसेवा किया गया था।” मनरेगा का एक और उद्देश्य है टिकाऊ संपत्तियां (जैसे ...

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