Hindi, asked by anjanabatham436, 10 months ago

Manaviya samvedna par kahani

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Answered by aabha2000
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सम्भल। एमजीएम कॉलेज में हिन्दी विभाग की ओर से एक संगोष्ठी आयोजित की गयी। जिसका विषय था नयी कहानी में मानवीय संवेदना। संगोष्ठी का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण प दीप जलाकर हुआ। उसके बाद सभी अतिथियों का स्वागत सत्कार हुआ।

सरस्वती वंदना बर दे वीणा वादिनी डा. विजय लक्ष्मी शर्मा ने प्रस्तुत की। एमएच कॉलेज मुरादाबाद से पधारे डा. मीना कौल ने नई कहानी को व्यक्ति की निजी वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मानवीय संवेदना को व्यक्ति के लिए आवश्यक बताया। बीए द्वितीय वर्ष के छात्र हुसैन अफसर ने नई कहानी के इतिहास पर प्रकाश डाला। उसने नई कहानी को मानवीय संवेदना का दर्पण कहा। डा. मौ. इमरान खान ने कहा नई चेतना नई कहानी लेकर आयी। इससे साहित्य में भी विशेष परिवर्तन हुआ। एमएच कॉलेज मुरादाबाद के प्रोफेसर डा. मुकेश चन्द्र गुप्ता ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद की कहानी नयी कहानी है। इसमें लेखकों ने अपने ऊपर हुए अत्याचार को मुखर किया। उसने लोगों को संघर्ष के लिए प्रेरित किया। नई कहानी कारों ने लोगों के दुख दर्द को समझा और उसके प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने निर्मल वर्मा की परिदें कहानी पर विशेष प्रकाश डाला। डा. डीएन शर्मा ने नई कहानी की संवेदना मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है बल्कि पशु पक्षियों और जलवायु तक में है। उन्होंने नई कहानी के कथाकारों पर विशेष रुप से प्रकाश डाला। सहसचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि वेदना से ही मानवीय संवेदना उत्पन्न होती है। हमें एक दूसरे के दुख दर्द के प्रति सजग रहना चाहिए। कार्यवाहक प्राचार्य डा. आबिद हुसैन ने सभी अतिथियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की और हिन्दी विभाग को साधुवाद दिया। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश गुप्ता, डा. मौ. नदीम, डा. रीतू भटनागर, डा. जोहरा जबी, डा. संजय दुबे, डा. पूजा गुप्ता, डा. शशिकांत गोयल, डा. राजकमल, डा. शैलेन्द्र कुमार, डा. प्रकाश भारद्वाज, डा. निरंकार सिंह आदि उपस्थित रहे। संचालन डा. विजय लक्ष्मी शर्मा ने किया।

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