Hindi, asked by sundari570, 1 year ago

Manavta hi Vishwa Satya ka bhav in Hindi

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Answered by Anonymous
41
Héy buddy!!

So, Thé ÃnSwer is ::-:: मानवता ही सच्चा धर्म

हमारे में मानवता हो तो भीतर से सादगी सहज स्वयं प्रगट होती है ।

सभी के साथ प्रेमभाव से जीना ही मानवता है । एकता से जीना ही मानवता है । मानवता से भरा जीवन जीने से अपने अंदर सहज रूप से शक्ति और स्फूर्ति आएगी । अंदर में आनंद जागेगा ।

अंदर आनंद प्रगट होने से सभी के प्रति प्रेमभाव बढता रहेगा और हर रोज सभी के पास से नया नया सीख सकेंगे । शिक्षण मिलने से अपना जीवन गति शील और जीवंत बनता है । फिर कोई मानसिक भेदभाव रहता नहीं औऱ समग्र जीवन बिना बंधन मुक्त बनता है ।

सचमुच तो जीवन ही संबंध है । किसी से हम अलग रह सके ऐसा नहीं है । अगर हम किसी के प्रति पूर्वग्रह रके या मन्यता रखे तो आंतरिक संबंध नही होता ।

किसी के साथ आंतरिक संबंध हो इसके लिए मानवता से भरपूर ऐसा प्रेम और करुणा होनी चाहिए ।

सत्य के दर्शन के लिए बी पहली सीडी मानवता है । इसके लिए हमको आरंभ खुद अपने आप से करना है। आरंभ करेंगे तो कुदरत मदत करेगी । अपना सच्चा भाव होगा तो अंत में सत्य की अनुभूती होगी ।

हम अगर पहल करेंगे तो सामने से अनुकूल प्रतिभाव पडेगा है । ऐसा होगा तो अपने अंदर आत्म विश्र्वास का जन्म होगा ।

आत्मविश्र्वास से शक्ति औऱ हिम्मत दोनो स्वयं आएगी । जीवन को और जीवन में मानवता को महत्व देने से आर्थिक सामाजिक सभी प्रवृत्तियाँ गौण (Secondary) बन जाती है ।

जीवन में यह सच्ची समझ है । ऐसी समझ पनपने से ऐसा लगेगा कि जीवन में पाने जैसा सबकुछ मिल गया है ।

#thankyou

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sunakhi9: hi katul
Answered by anveer013
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Is kavita me kavi ne manavta, vishwabandhutva, sadbhavna aur sahyog par bal diya hai. unki ichha hai ki sabhi milkar unatti kare aur yeh anuyug dharti par swarg lane me mahatvapurna bhumika nibhaye.

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