mangal shlokas in sanskrit
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मङ्गलं पुण्डरीकाक्षः मंगलायतनो हरिः ॥ भावार्थ : भगवान् विष्णु मंगल हैं, गरुड वाहन वाले मंगल हैं, कमल के समान नेत्र वाले मंगल हैं, हरि मंगल के भंडार हैं । मंगल अर्थात् जो मंगलमय हैं, शुभ हैं, कल्याणप्रद हैं ।.....☺
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