Hindi, asked by amruthaprasad8384, 11 months ago

Mango tree short story in hindi

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Answered by akshayraj74
2

Answer:

एक बार एक गाँव में तालाब किनारे एक बहुत बड़ा आम का पेड़ था । उस गाँव में एक छोटा लड़का था चैतन्य। चैतन्य उस पेड़ के निचे हर दिन स्कूल से आने के बाद खेला करता था।

चैतन्य पेड़ के चरों तरफ दौड़ा करता, खेलता-कूदता, और थक जाने पर कभी-कभी पेड़ की छाओं में सो भी जाता था। वह उस आम के पेड़ को पहुत चाहता था और वह आम का पेड़ भी उसे बहुत चाहता था। दोनों एक दुसरे के दोस्त थे।

धीरे-धीरे समय बीतता गया ! चैतन्य थोडा बड़ा हुआ तो घर पर ही खेलने लगा और आम के पेड़ के पास उसने खेलना बंद कर दिया । एक दिन, चैतन्य उस पेड़ के पास दुखी हो कर आया। वह बहुत ज्यादा निराश दिख रहा था और रोते-रोते पेड़ के निचे बैठ गया। यह देख कर आम के पेड़ ने उससे कहा- चलो चैतन्य खेलते है ?

चैतन्य ने जवाब दिया ! में अब बड़ा हो चूका हूँ और खिलोनों के साथ खेलना चाहता हूँ पर मेरे पास खिलौने खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। यह सुनते ही आम के पेड़ ने जवाब में कहा ! मेरे पास तो पैसे नहीं हैं परन्तु अगर तुम मेरे आमों को तोड़ के बेचोगे तो तुम्हें पैसे मिल सकते हैं जिससे की तुम अपने खिलोने खरीद सकते हो।

इसे भी पढ़ें - पुरी जगन्नाथ धाम इतिहास व कथा Puri Jagannath Dham History Story in Hindi

यह सुनते ही चैतन्य बहुत खुश हुआ। उसने सभी आमों को उस पेड़ से तोड़ लिया और बाज़ार में जा कर उन्हें बेच दिया और उसने अपने खिलोने भी खरीद लिए। पर वह वापस आम के पेड़ के पास नहीं आया। आम का पेड़ उदास हो गया।

कुछ सालों के बाद चैतन्य दुबारा लौटा। अब वह बड़ा हो चूका था। उसका विवाह भी हो चूका था। चैतन्य को देखते ही आम का पेड़ बहुत खुश हुआ और उसने कहा – चलो चैतन्य खेलते है ? चैतन्य ने जवाब में कहा – अब मेरी शादी हो चुकी है मेरा परिवार है, मेरे पास खेलने का समय नहीं है।

पर हमें रहने के लिए घर चाहिए। क्या तुम मेरी कुछ मदद कर सकते हो । यह सुनते ही आम के पेड़ ने जवाब में कहा – मेरे पास घर तो नहीं है परन्तु अगर तुम मेरी टेहेनियों को काट कर घर बनाना चाहो तो बना सकते हो ।

यह सुन कर चैतन्य खुश हुआ और उसने सभी टेहेनियों को काट कर अपना घर बना लिया। पर घर बनाने के बाद फिर वह वापस नहीं आया। आम का पेड़ दुबारा उदास हो गया ।

कुछ साल बाद चैतन्य फिर उस आम के पेड़ के पास पहुंचा। आम का पेड़ उसे देखते ही खुश हो गया और उसने कहा – चलो चैतन्य खेलते हैं ? चैतन्य ने कहा में अब काम कर-कर के बहुत थक चूका हूँ।

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मैं अपने लिए एक नाव बनाना चाहता हूँ, जिससे की मैं नदी में घूम सकूँ, क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो। यह सुनते ही आम के पेड़ ने जवाब दिया – मेरे पास नाव तो नहीं है पर अगर तुम चाहो तो मेरे तने को काट कर अपने लिए नाव बना सकते हो ।

यह सुन कर चैतन्य खुश हो गया और उसने पुरे पेड़ के तने को काट दिया और उसने उससे अपने लिए एक नाव बना लिया।

Answered by sidhartha297500
2

Answer:

एक बार एक गाँव में तालाब किनारे एक बहुत बड़ा आम का पेड़ था । उस गाँव में एक छोटा लड़का था चैतन्य। चैतन्य उस पेड़ के निचे हर दिन स्कूल से आने के बाद खेला करता था।

चैतन्य पेड़ के चरों तरफ दौड़ा करता, खेलता-कूदता, और थक जाने पर कभी-कभी पेड़ की छाओं में सो भी जाता था। वह उस आम के पेड़ को पहुत चाहता था और वह आम का पेड़ भी उसे बहुत चाहता था। दोनों एक दुसरे के दोस्त थे।

धीरे-धीरे समय बीतता गया ! चैतन्य थोडा बड़ा हुआ तो घर पर ही खेलने लगा और आम के पेड़ के पास उसने खेलना बंद कर दिया । एक दिन, चैतन्य उस पेड़ के पास दुखी हो कर आया। वह बहुत ज्यादा निराश दिख रहा था और रोते-रोते पेड़ के निचे बैठ गया। यह देख कर आम के पेड़ ने उससे कहा- चलो चैतन्य खेलते है ?

चैतन्य ने जवाब दिया ! में अब बड़ा हो चूका हूँ और खिलोनों के साथ खेलना चाहता हूँ पर मेरे पास खिलौने खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। यह सुनते ही आम के पेड़ ने जवाब में कहा ! मेरे पास तो पैसे नहीं हैं परन्तु अगर तुम मेरे आमों को तोड़ के बेचोगे तो तुम्हें पैसे मिल सकते हैं जिससे की तुम अपने खिलोने खरीद सकते हो।

इसे भी पढ़ें -  रामनाथस्वामी मंदिर रामेश्वरम इतिहास Ramanathaswamy Rameswaram Temple History in Hindi

यह सुनते ही चैतन्य बहुत खुश हुआ। उसने सभी आमों को उस पेड़ से तोड़ लिया और बाज़ार में जा कर उन्हें बेच दिया और उसने अपने खिलोने भी खरीद लिए। पर वह वापस आम के पेड़ के पास नहीं आया। आम का पेड़ उदास हो गया।

कुछ सालों के बाद चैतन्य दुबारा लौटा। अब वह बड़ा हो चूका था। उसका विवाह भी हो चूका था। चैतन्य को देखते ही आम का पेड़ बहुत खुश हुआ और उसने कहा – चलो चैतन्य खेलते है ? चैतन्य ने जवाब में कहा – अब मेरी शादी हो चुकी है मेरा परिवार है, मेरे पास खेलने का समय नहीं है।

पर हमें रहने के लिए घर चाहिए। क्या तुम मेरी कुछ मदद कर सकते हो । यह सुनते ही आम के पेड़ ने जवाब में कहा – मेरे पास घर तो नहीं है परन्तु अगर तुम मेरी टेहेनियों को काट कर घर बनाना चाहो तो बना सकते हो ।

यह सुन कर चैतन्य खुश हुआ और उसने सभी टेहेनियों को काट कर अपना घर बना लिया। पर घर बनाने के बाद फिर वह वापस नहीं आया। आम का पेड़ दुबारा उदास हो गया ।

कुछ साल बाद चैतन्य फिर उस आम के पेड़ के पास पहुंचा। आम का पेड़ उसे देखते ही खुश हो गया और उसने कहा – चलो चैतन्य खेलते हैं ? चैतन्य ने कहा में अब काम कर-कर के बहुत थक चूका हूँ।

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