India Languages, asked by Lchanu, 5 months ago

manipuri khang ba yauba ro
(if didn't understand the language then don't answer )​

Answers

Answered by mittalraval580120
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Answer:

अपभ्रंश भाषा का विकास 500 ई० से लेकर 1000 ई० के मध्य हुआ और इसमें साहित्य का आरंभ 8वीं सदी (स्वयंभू कवि) से हुआ, जो 13वीं सदी तक जारी रहा।

अपभ्रंश (अप + भ्रंश + घञ) शब्द का यों तो शाब्दिक अर्थ है 'पतन' किन्तु अपभ्रंश साहित्य से अभीष्ट है- प्राकृत भाषा से विकसित भाषा विशेष का साहित्य।

प्रमुख रचनाकार : स्वयंभू- अपभ्रंश का वाल्मीकि ('पउम चरिउ' अर्थात राम काव्य), धनपाल ('भविस्सयत कहा'- अपभ्रंश का पहला प्रबंध काव्य), पुष्पदंत ('महापुराण', 'जसहर चरिउ

Answered by farooq29khan
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Explanation:

संबंधित है। विदित है कि अधिकांश विदेशी यात्री और आक्रान्ता उत्तर-पश्चिम सिंहद्वार से ही भारत आए। भारत में आनेवाले इन विदेशियों ने जिस देश के दर्शन किए वह 'सिंधु' का देश था। ईरान (फारस) के साथ भारत के बहुत प्राचीन काल से ही संबंध थे और ईरानी 'सिंधु' को 'हिन्दू' कहते थे [सिंधु- हिन्दु, स का ह में तथा ध का द में परिवर्तन- पहलवी भाषा प्रवृति के अनुसार ध्वनि परिवर्तन। 'हिन्दु' से 'हिन्द' बना और फिर 'हिन्द' में फारसी भाषा के संबंध कारक प्रत्यय 'ई' लगने से 'हिन्दी' बन गया। 'हिन्दी' का अर्थ है- 'हिन्द का'। इस प्रकार हिन्दी शब्द की उत्पत्ति हिन्द देश के निवासियों के अर्थ में हुई। आगे चलकर यह शब्द 'हिन्द की भाषा' के अर्थ में प्रयुक्त होने लगा।

उपर्युक्त बातों से तीन बातें सामने आती हैं-

(1) 'हिन्दी' शब्द का विकास कई चरणों में हुआ-

सिंधु - हिन्दु - हिन्द + ई - हिन्दी।l

(2) 'हिन्दी' शब्द मूलतः फारसी का है न कि हिन्दी भाषा का। यह ऐसे ही है जैसे बच्चा हमारे घर जन्मे और

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