Hindi, asked by manishakumari16, 10 months ago

Manisha ka sandhi vicched​

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Answered by omagnihotri22
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संधि विच्छेद (Sandhi viched )

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274 Hindikunj 2015-12-24

संधि में पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद है . जैसे - धनादेश = धन + आदेश . यहाँ पर कुछ प्रचलित संधि विच्छेदों को दिया जा रहा है ,जो की विद्यार्थियों के बड़े काम आएगी .

समास विग्रह

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वाच्य - Voice

उपसर्ग

संधि विच्छेद

संधि में पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद है . जैसे - धनादेश = धन + आदेश . यहाँ पर कुछ प्रचलित संधि विच्छेदों को दिया जा रहा है ,जो की विद्यार्थियों के बड़े काम आएगी .

स्वाधीन = स्व + आधीन ( दीर्घ संधि )

पुस्तकालय = पुस्तक + आलय ( दीर्घ संधि )

प्रधानाध्यापक = प्रधान + अध्यापक ( दीर्घ संधि )

स्वाध्याय = स्व + अध्याय ( दीर्घ संधि )

सर्वाधिक = सर्व + अधिक ( दीर्घ संधि )

योजनावधि = योजन + अवधि ( दीर्घ संधि )

विद्यालय = विद्या + आलय ( दीर्घ संधि )

अन्तकरण = अंत + करण ( विसर्ग संधि )

अंतपुर = अंत : + पुर (विसर्ग संधि )

अनुयय = अनु + अय (यण संधि )

अन्वेषण = अनु + एषण (यण संधि )

अन्तर्निहित = अंत: + निहित (विसर्ग संधि )

अंतर्गत = अंत: + गत ( विसर्ग संधि )

अंतर्ध्यान = अंत : + ध्यान (विसर्ग संधि )

अन्योक्ति = अन्य + उक्ति (गुण संधि )

अंडाकार = अंड + आकार ( दीर्घ संधि )

अनायास = अनु + आयास ( व्यंजन संधि )

अन्वित = अनु + इत ( यण संधि )

अनूप = अनू + ऊप ( व्यंजन संधि )

अनुपमेय = = अनु + उपमेय ( दीर्घ संधि )

अंतर्राष्ट्रीय = अन्तः + राष्ट्रीय ( विसर्ग संधि )

अनंग = अन + अंग ( व्यंजन संधि )

अजन्त = अच् + अंत (व्यंजन संधि )

अध्याय = अधि + आय ( यण संधि )

अध्ययन = अधि + अयन ( यण संधि )

अधीश = अधि + ईश (दीर्घ संधि )

अधिकांश = अधिक + अंश ( दीर्घ संधि )

अधोगति = अध : + गति ( विसर्ग संधि )

अब्ज = अप + ज ( व्यंजन संधि )

अभ्यस्त = अभि + अस्त ( य ण संधि )

अहोरूप = अह : + रूप ( विसर्ग संधि )

आकृष्ट = आकृष + त (व्यंजन संधि )

अविष्कार = आवि : + कार ( विसर्ग संधि )

इत्यादि = इति + आदि (यण संधि )

आत्मावलंबन = आत्मा + अवलम्बन ( दीर्घ संधि )

आत्मोसर्ग = आत्म + उत्सर्ग ( गुण संधि )

आध्यात्मिक= आधि + आत्मिक (यण संधि)

अत्यधिक = अति + अधिक (यण संधि )

अत्यावश्यक = अति + आवश्यक (यण संधि )

इत्यादि = इति + आदि ( गुण संधि )

परोपकार = पर + उपकार ( गुण संधि )

नरोत्तम = नर + उत्तम ( गुण संधि )

अल्पायु = अल्प + आयु (दीर्घ स्वर संधि )

मंगलाकार = मंगल + आकार (दीर्घ स्वर संधि )

मत्स्याकार = मत्स्य + आकार (दीर्घ स्वर संधि )

मध्यावकाश = मध्य + अवकाश (दीर्घ स्वर संधि )

विद्याध्ययन = विद्या + अध्ययन (दीर्घ स्वर संधि )

चिरायु = चिर + आयु (दीर्घ स्वर संधि )

तथास्तु = तथा + अस्तु (दीर्घ स्वर संधि )

परमेश्वर = परम + ईश्वर (दीर्घ गुण संधि )

महोदय = महा + उदय (दीर्घ गुण संधि )

पदोन्नति = पद + उन्नति (दीर्घ गुण संधि )

Answered by bhatiamona
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Answer:

जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं उसे संधि कहते हैं। दूसरे शब्दों में संधि किए गये शब्दों को अलग-अलग करके पहले की तरह करना ही संधि विच्छेद कहलाता है।

मनीषा का संधि विच्छेद  

मनीषा = मनस् + ईषा  

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