mansarovar ki khahni summary
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कहानी, साहित्य की सबलतम विधा है। वह एक ऐसा दर्पण है, जिसमें व्यक्ति और समाज के परस्पर संबंधों, क्रियाविधियों उसके सुख-दुःख के क्षणों की सजीव, हृदयग्राही तथा मार्मिक तस्वीरें देखी जा सकती हैं। इसके उन्नयन और विकास में विश्व के अनेक कथाकारों ने जो योगदान किया, वह भाषा-शैली, रूप-विधान, कला-सौष्ठव तथा तकनीक की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह हिंदी कहानी की उपलब्धि है कि इसे अपने विकास के आदिकाल में मुंशी प्रेमचंद जैसे मानव मन के कुशल चितेरे मिले, जिनके कहानी साहित्य ने हिंदी उर्दू में एक नए युग का सूत्रपात किया।
प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी को निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधार दिया। उनकी कहानियाँ परिवेश को बुनती हैं। पात्र चुनती है। उसके संवाद उसी भाव-भूमि से लिए जाते हैं जिस भाव-भूमि से घटना घट रही है। इसलिए पाठक कहानी के साथ अपने आप को जोड़ लेता है। इसलिए प्रेमचंद यथार्थवादी कहानीकार हैं। लेकिन वे घटना को ज्यों-का-त्यों लिखने को कहानी नहीं मानते। यही वजह है कि उनकी कहानियों में आदर्श और यथार्थ का अद्भुत संगम हे
कथाकार के रूप में प्रेमचंद अपने जीवनकाल में ही किंवदंती बन गये थे। उन्होंने मुख्यतः ग्रामीण एवं नागरिक सामाजिक जीवन को कहानियों का विषय बनाया है। उनकी कथायात्रा में श्रमिक विकास के लक्षण स्पष्ट हैं, यह विकास वस्तु विचार, अनुभव तथा शिल्प सभी स्तरों पर अनुभव किया जा सकता है।
प्रेमचंद की प्रत्येक कहानी मानव मन के अनेक दृश्यों चेतना के अनेक छोरों सामाजिक कुरीतियों तथा आर्थिक उत्पीड़न के विविध आयामों को अपनी संपूर्ण कलात्मकता के साथ अनावृत करती है। कफन, नमक का दारोगा, शतरंज के खिलाड़ी, वासना की कड़ियाँ, दुनिया का सबसे अनमोल रतन आदि सैकड़ों रचनाएँ ऐसी हैं, जो विचार और अनुभूति दोनों स्तरों पर पाठकों को आज भी आंदोलित करती हैं। वे एक कालजयी रचनाकार की मानवीय गरिमा के पक्ष में दी गई उद्घोषणाएँ हैं। समाज के दलित वर्गों, आर्थिक और सामाजिक यंत्रणा के शिकार मनुष्यों के अधिकारों के लिए जूझती मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ हमारे साहित्य की सबलतम निधि हैं।
प्रेमचंद के अमर कहानी साहित्य को हम हिंदी साहित्य मार्गदर्शन पर प्रकशित करंगे ताकि इन सभी कहानियों को एक जगह मुफ्त में पढ़ पायें. प्रेमचंद के निधनोपरांत मानसरोवर नाम से ८ खण्डों में प्रकाशित इस संकलन में उनकी दो सौ से भी अधिक कहानियाँ शामिल है। मानसरोवर के आठों खंडों को हम सिलसिलाबद्ध तरीके से प्रकाशित करेंगे और इनके लिंक्स को अपडेट करते जायेंगे।