Hindi, asked by ritu2059, 1 year ago

manushya Ki Atmakatha nibandh in Hindi​

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Answered by vishalking16
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Explanation:

मनुष्य भगवान की सबसे अद्भुत रचना है। ईश्वर ने मनुष्य को सोच और तर्क की शक्ति से सुसज्जित किया और यही कारण है कि वह अन्य जीवों से इतना अलग है। मनुष्य का पृथ्वी पर सिर्फ अस्तित्व ही नहीं है बल्कि यहाँ उपलब्ध विभिन्न संसाधनों का उपयोग करके वह अपनी पूर्णता में भी रहता है।

मानव प्रजातियां बंदरों और वानर से विकसित हुई हैं। प्राचीन युग के बाद से मनुष्य का विकास बहुत तेज़ी से हुआ है। उस समय के मानव की विशाल कद-काठी होती थी, वह कच्चा भोजन खाता था, गुफाओं में रहता था और पत्तियों और जानवरों की त्वचा से बने थोड़े से कपड़े पहनता था। आग का अविष्कार करने के बाद वह खाने से पहले जानवरों के मांस और सब्जियों को आग से पका कर खाने लगा। समय गुज़रने के साथ कई आविष्कार हुए। मनुष्य ने गुफाओं से बाहर आकर रहने के लिए घर बनाए। जल्द ही गांवों का गठन हुआ और फिर धीरे-धीरे कस्बें और शहर अस्तित्व में आये। परिवहन के साधन भी विकसित हुए और उन्होंने अन्य कई चीजों की भी खोज़ की। तो मूल रूप से मनुष्य के विकास के साथ कई चीजों का आविष्कार हुआ और वे भी समय गुजरने के साथ विकसित हुए।

आज मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति कर चुका है। उन्होंने अपनी जिंदगी आरामदायक और मनोरंजक बनाने के लिए कई चीजों का आविष्कार किया है। हालांकि मनुष्य अविष्कार करने में इतना मग्न हो गया है कि उसने पर्यावरण के संतुलन को बिगाड़ दिया है। वातावरण जो पहले ताजा और शुद्ध था अब प्रदूषित हो गया है। इससे वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न प्रजातियों के विलुप्त होने का ख़तरा उत्पन्न हो गया है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों को भी जन्म दिया है।

Answered by Priatouri
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एक मनुष्य की आत्मकथा  

Explanation:

मैं एक मनुष्य हूँ । मेरा जन्म एक मछुआरा परिवार में हुआ। चूंकि मेरे माता-पिता मछली पकड़ने का कार्य करते थे एक दिन मछली पकड़ते समय समुद्र में तूफान आ गया जिस वजह से मेरे परिवार खत्म हो गया।  

तब मेरी उम्र कुछ 8 वर्ष थी। मैं उस तूफान में बच गया लेकिन मेरे पास ना मेरी माता जी और ना मेरे पिताजी का साथ रहा मैं अनाथ हो गया। अनाथ हो जाने के बाद मैंने खूब पढ़ाई की और आज मैं बहुत अमीर व्यक्ति बन गया हूं।  हालांकि मैंने बहुत पैसा कमाया लेकिन मेरे पास उन पैसों का आनंद लेने वाला कोई भी नहीं है। मैंने अकेला हो जाने की वजह से कभी कोई मित्र नहीं बनाया और ना ही मैंने शादी की।  

अब मैं बूढ़ा हो चला हूँ और मरने की कगार पर हूं। मैंने अपना सारा पैसा एक अनाथ आश्रम को दे दिया था कि वह मेरे जैसे अनाथ बच्चों को एक नया जीवन दे सके|

ऐसी और आत्मकथा पढ़ने के लिए दिए गए लिंक को खोले:

एक तालाब की आत्मकथा  

https://brainly.in/question/7058636

चॉकलेट की आत्मकथा  

https://brainly.in/question/13163937

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