Manusya hain jo manushya ke lye mare
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manus hai manus k lia nahi marata
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मनुष्य है वही जो मनुष्य के लिए मरे। जो लडे दीन के हित सूरा सोई। अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचन द्वयम, ... अर्थात अठारह पुराणों में व्यास जी ने दो ही वचन कहे हैं, परोपकार पुण्य और परपीडा ही पाप है।
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