Manusya Prakriti Se Dheere Dheere Dur Hota ja raha hai in Hindi answer
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प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक मनुष्य में विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत प्रगति की है। जिस प्रकार मनुष्य निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होता जा रहा है, उसी प्रकार वह धीरे-धीरे प्रकृति से दूर होता जा रहा है। मनुष्य के इसी व्यवहार ने उसके लिए कई समस्याएं उत्पन्न कर दी है। इस संबंध में एडवोकेट पीके नड्डा का कहना है कि लोगों को घर की सफाई रखने के अलावा अपने आस-पास के वातावरण पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, यदि अपने आस-पास ध्यान नहीं रखेंगे तो शीघ्र ही इसका परिणाम विभिन्न बीमारियों के रूप में सामने आता है। मास्टर तरसेम लाल धीमान के अनुसार आज समस्त संसार में बढ़ रहेप्रदूषण से प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी रोग से ग्रस्त है। हर इंसान को अपने आस-पास फैली हुई गंदगी को एकजुट होकर साफ करना चाहिए। राम कुमार शर्मा के अनुसार जिस प्रकार हम अपने घर को एक मंदिर की तरह मानते है वैसे ही हमें पूरे विश्व को मंदिर समझते हुए चारों तरफ के सफाई व्यवस्था बनाए रखने में योगदान देना चाहिए। मदन गोपाल शर्मा के अनुसार आधुनिक युग में बढ़ती गंदगी का एक कारण प्लास्टिक बैगों का उपयोग है, चूंकि यह शीघ्र नष्ट नहीं होते। कुलदीप चंद के अनुसार अपने वातावरण को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए हमें बचपन से ही बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। चंद्र मोहन सहोड़ का कहना है कि यदि अपने आस-पास में कहीं गंदगी देखें तो उसे मिलकर साफ करे यह हमारा कर्तव्य है। रतन चंद का मानना है कि यदि राष्ट्र को रोग मुक्त करना है तो हमें सफाई का कार्य एकजुट होकर करना चाहिए तथा जहां भी हमें गंदगी दिखाई दे उसे मिलकर साफ करना चाहिए।
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