History, asked by Aashishdansena772004, 8 months ago

Manusyata kavita se hame jivan ki sikh milti hai ..kaise 80 _ 100 sabdo me






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Answered by Sunillende12
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मनुष्यता’ कविता ‘राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त’ द्वारा रचित कविता है। इस कविता से हमें अपने जीवन को उपयोगी और सार्थक बनाने की सीख मिलती है। कवि का कहना है कि हमें मानव जीवन यूं ही नहीं प्राप्त हुआ है। हमें मनुष्य का जीवन मनुष्य की तरह ही जीना चाहिए और हमें पशु की प्रकृति से ऊपर उठकर अपना जीवन मनुष्य के रूप में जीना चाहिए अर्थात हमें ऐसे कार्य करना चाहिए जो मनुष्यता के अनुकूल हों। हमें सदैव अपना जीवन परोपकार करते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए।

हमारा यह शरीर नश्वर है इसे एक ना एक दिन इसे नष्ट हो जाना है। तो क्यों ना जितने समय के लिए हम संसार में आए हैं उस समय का सदुपयोग करते हुए ऐसे कार्य कर जाएं जो इस संसार से जाने के बाद भी लोग याद रखें। मनुष्यता अपनी आत्मा को अजर-अमर बनाने की एक प्रक्रिया है और धरती ऐसे महापुरुषों को जन्म देकर धन्य हो जाती है जिन्होंने अपना जीवन मानव सेवा की कल्याण में लगा दिया। यदि हमने मनुष्य रूप में जन्म लिया है तो हमारे अंदर दया, करुणा, परोपकार जैसे गुण अवश्य होने चाहिए तभी मनुष्य का जीवन सार्थक है। तब ही हमारे अंदर मनुष्यता है, नहीं तो हमारे अंदर पशुत्व है।

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