Hindi, asked by pranav5096, 1 year ago

manusyatha kavitha ke pradhipadhyay

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Answered by Anonymous
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मनुष्यता कविता में कवि मैथिलीशरण गुप्त ने सही अर्थों में मनुष्य किसे कहते हैं उसे बताया है। कभी कहते हैं कि मनुष्य को ज्ञान होना चाहिए कि वह मरने सील है इसलिए मृत्यु से नहीं डरना चाहिए। उसे ऐसी मृत्यु को प्राप्त करना चाहिए जिसे बाद में सभी लोग उसे याद करें। कवि के अनुसार उदार व्यक्तियों की उदासीनता को पुस्तकों इतिहास में स्थान देकर उनका व्याख्यान किया जाता है उनका समस्त लोग आभार मानते हैं तथा पूजते हैं। जो व्यक्ति विश्व में एकता और अखंडता को फैलाता है उसकी कीर्ति का सारे संसार में गुणगान होता है। असल मनुष्य वह है जो दूसरों के लिए जिए और मरे। आज भी लोग उन लोगों की पूजा करते हैं जो पीड़ित व्यक्तियों की सहायता तथा उनके कष्ट को दूर करते हैं। कभी मनुष्य को कहता है कि अपने इच्छित मार्ग पर प्रसन्नता पूर्वक हंसते खेलते चलो और रास्ते पर जो बाधाएं पड़ी हैं उन्हें हटाते हुए आगे बढ़ो।

pranav5096: thanku
Anonymous: Welcome
pranav5096: its superb thank you❤
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