Social Sciences, asked by monikaghadiya9, 7 months ago

manv jivan ane mati vache ghano j prachin sabnth rahyo che vidhan samjavo

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Answered by parul291105
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Answer:

भौतिक विकास के पीछे दौड़ रही दुनिया ने आज जरा ठहरकर सांस ली तो उसे अहसास हुआ कि चमक-धमक के फेर में क्या कीमत चुकाई जा रही है. आज ऐसा कोई देश नहीं है जो पर्यावरण संकट पर मंथन नहीं कर रहा हो. भारत भी चिंतित है. लेकिन, जहां दूसरे देश भौतिक चकाचौंध के लिए अपना सबकुछ लुटा चुके हैं, वहीं भारत के पास आज भी बहुत कुछ है.

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