Hindi, asked by Sachin11111111, 1 year ago

manvikaran alankar 10 examples

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Answered by naman131104
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मानवीकरण अलंकार के उदाहरण :

फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।

जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में दिया गया है की फूल हंस रहे हैं एवं कलियाँ मुस्कुरा रही हैं। जैसा की हम जानते हैं की हंसने एवं  मुस्कुराने की क्रियाएं केवल मनुष्य ही कर सकते हैं प्राकृतिक चीज़ें नहीं। ये असलियत में संभव नहीं है  एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।  

ऊपर के उदाहरण में दिया गया है कि बादल बड़े सज कर आये लेकिन ये सब क्रियाएं तो मनुष्य कि होती हैं न कि बादलों की। अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।ये असलियत में संभव नहीं है  एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे |

ऊपर दी गयी पंक्तियों में बताया गया है कि संध्या सुन्दर परी की तरह धीरे धीरे आसमान से नीचे उतर रही है।इस वाक्य में संध्या कि तुलना एक सुन्दर पारी से की है। एक निर्जीव की सजीव से।ये असलियत में संभव नहीं है  एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।  

ऊपर दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यहाँ पर यह उदाहरण भी मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत ही आएगा।

मानवीकरण अलंकार के अन्य उदाहरण:

कलियाँ दरवाज़े खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कलियों को दरवाज़े खोल खोल कर झुरमुट में मुस्कुराते हुए वर्णित किया गया है। हम जानते हैं की मुस्कुराने की क्रिया सिर्फ मनुष्य सजीव ही कर सकते हैं कलियाँ ये क्रिया नहीं कर सकती हैं। यह उनके लिए असंभव है। मुस्कुराना आदि क्रियाएं तो सिर्फ मानव ही करते हैं। अतः यहाँ पर प्राकर्तिक चीज़ों में मानवीय भावनाएं दर्शाई जा रही है।हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से।

ऊपर दिए गए उदाहरण में बताया गया है कि वनस्पतियाँ जागी फिर अलसाई ओर शीतल यानी ठन्डे जल से उन्होंने मुह धोया।जैसा कि हमें पता है कि वनस्पतियों के मुह नहीं होता है। ये मुह धोने वाली अलसाने वाली आदि क्रियाएं सिर्फ मनुष्यों कि होती हैं। ये क्रियाएं वनस्पति द्वारा किया जाना असंभव है।  अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है.

अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।  

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि लहरों को नाचता हुआ व गाता हुआ वर्णित किया है।नाचना गाना आदि क्रियाएं सिर्फ मनुष्य कि क्रियाएं होती हैं ना कि किसी निर्जीव की। जैसा हम जानते हैं नाचने गाने  यहाँ निर्जीवों में सजीवों कि भावनाएं दिखाई गयी हैं। अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

Answered by hemantsuts012
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Answer:

इस लेख के माध्यम से आप मानवीकरण अलंकार की परिभाषा, उदाहरण, पहचान, कविता,आदि का विस्तृत रूप से इस लेख में अध्ययन कर सकते हैं।

इस अलंकार के अंतर्गत मुख्य रूप से प्रकृति के साथ मनुष्य के क्रियाकलापों को स्थापित/आरोपित किया जाता है। इस अलंकार का प्रयोग मुख्य रूप से स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व अधिक मात्रा में हुआ करता था।

अलंकार को सरल बनाने के लिए हमने कठिनाई स्तर की पहचान करते हुए उदाहरण की संख्या पर विशेष बल दिया है। जिसे पढ़कर आप अपने परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।

अलंकार काव्य की शोभा को बढ़ाते हैं , विशेषकर मानवीकरण अलंकार काव्य की सुंदरता को और अधिक बढ़ाने का कार्य करते हैं।

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Explanation:

जहां जड़ प्रकृति में मानवीय क्रियाओं तथा भावनाओं का आरोप हो वहां मानवीकरण अलंकार होता है।

1. मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के। ।

मेघ अर्थात बादलों का बन-ठन कर संवर कर आना मानवीय क्रियाकलाप को प्रदर्शित करता है। क्योंकि मेघ प्रकृति का एक अंग है ,सजना संवरना व्यक्ति का गुण है। अतः मानवीय गुणों को प्रकृति के साथ जोड़ा गया है, जिसके कारण यहां मानवीकरण अलंकार सिद्ध होता है।

2. नदी-तट से लौटती गंगा नहा कर

सुवासित भीगी हवाएं सदा पावन। ।

गंगा नदी को औरत की भांति ,उसे नहा कर लौटते चित्रित किया गया है। जिससे भीगी पावन हवाएं चलती हुई प्रतीत हो रही है।

3. गुलाब खिल कर बोला-मैं आग का गोला नहीं प्रीत की कविता हूं।

गुलाब का फूल को बोलता हुआ चित्रित किया गया है। जो अपने रंग के कारण आग का गोला प्रतीत हो रहा है। उसे प्रेम का प्रतीक स्वयं स्वीकार किया गया है।

4. वृक्षों की टहनियां बादल से बातें करती है।

वृक्ष की टहनियों को बादल से बातें करते हुए दर्शाया गया है जबकि बातें करना मानवीय स्वभाव की ओर संकेत करता है।

5. अनुराग भरे तारों ने आंखें खोली।

संध्या सुंदरी परी-सी नीचे उतरी।

तारे तथा संध्या के समय को मानव के क्रियाकलाप से जोड़ा है। यहां तारों के आंख खोलने तथा संध्या को सुंदर परी मानकर नीचे उतरने की बात कही है।

6. बीती विभावरी जाग री

अंबर पनघट में डुबो रही

तारा घट उषा नागरी।

तारा को नारी की भांति माना है जो सुबह होते ही पनघट पर पानी भर रही है। प्रकृति के क्रियाकलाप को मानव के क्रियाकलाप से जोड़ा गया है।

7. धरती पसीजी है कहीं ?

धरती का पसीजना मानवीय गुण की ओर संकेत करता है।

8. और सरसों की ना पूछो हो गई सबसे सयानी।

सरसों के पौधे को नवयुवती माना है जिस पर पीले फूल आने से ऐसे प्रतीत हो रहे हैं जैसे विवाह से पूर्व उसे हल्दी लगा दी गई हो।

9. यह हरा ठीगना चना, बांधे मुरैठा शीश पर।

चने के पौधे को आदमी माना हे और उसके फली को मुरेठा/ टोपी मान कर मानव के समान दिखया गया है।

10. चल रे चल – मेरे पागल बादल। ।

बादल को पागल के समान माना है अर्थात मानव के साथ संबंध स्थापित करने का प्रयास किया है आतः यह मानवीकरण अलंकार सिद्ध होता है।

#SPJ2

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