Science, asked by mandeepdhliwal767, 5 months ago

मरीज के हॉस्पिटल में दाखिल होने के कितने घंटे बाद केयर प्लान बनाया जाता है​

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Answered by KirtiTadavi
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अस्पताल जाते वक्त बहुत कम लोगों को इस बात का एहसास होता है कि एक उपभोक्ता के नाते उनके भी अधिकार हैं.

डॉक्टर अरुण गदरे और डॉक्टर अभय शुक्ल अपनी किताब 'डिसेंटिंग डायग्नोसिस' में लिखते हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं देना किसी सामान बेचने जैसा नहीं है.

डॉक्टर और मरीज़ का रिश्ता ख़ास होता है, जहां डॉक्टर मरीज़ की ओर से कई फ़ैसले लेता है.

स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अस्पताल 'मेडिकल क्लीनिक कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट' के अंदर आते हैं. अगर डॉक्टर की लापरवाही का मामला हो या सेवाओं को लेकर कोई शिकायत हो तो उपभोक्ता हर्जाने के लिए उपभोक्ता अदालत जा सकते हैं.

भारत में मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया की ज़िम्मेदारी है कि वो ये सुनिश्चित करे कि डॉक्टर 'कोड ऑफ़ मेडिकल एथिक्स रेग्युलेशंस' का पालन करें, लेकिन आरोप है कि कई मामलों में ऐसा नहीं होता है.

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