मरुस्थल में पशुओं को चलाने के लिए 10 15 किलोमीटर तक क्यों ले जाया जाता है
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भारत मे कोरोना वायरस के कारण आम इंसान तकलीफ़ में हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक इसकी चपेट में करीब चार हजार लोग आ चुके हैं जिनमें से डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन इस तकलीफ़ के सबसे बड़े शिकारों में लाखों बेजुबान भी शामिल हैं. कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों का सबसे बुरा असर राजस्थान ओर गुजरात के लाखों पशुओं और पशुपालक जातियों पर भी देखने को मिल रहा है. लेकिन फिलहाल ये सब चर्चा से बाहर हैं.
राजस्थान के मारवाड़ तथा गुजरात के कच्छ क्षेत्रों में ऊंटों ओर भेड़-बकरियों का पालन बड़े स्तर पर किया जाता है. अकेले मारवाड़ में दो लाख ऊंट, 90 लाख से ज्यादा भेड़-बकरियां तथा 60 हज़ार से ज्यादा गधे हैं. ऐसे ही गुजरात के कच्छ क्षेत्र के तैरने वाले ऊंट काफी मशहूर हैं.
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Explanation:मरुस्थल में पशुओं को चराने के लिए 10 से 15 किलोमीटर तक क्यों ले जाया जाता है