marathi poem on gandhiji for recitation compition
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जय हो जय हो हे गांधी तेरी जय हो
तुमने हमें सिखाया, जो भी उसकी
सदा विजय हो
धर्मभाव भूतल में छाए
कर्मभाव जन जन में आए
निष्कामी जीवन फल पाए
ईश्वर में विश्वास अटल मन स्वस्थ
नितांत अभय हो
सत्य सनातन नित्य प्रचारें
शुभ कृतियों के तथ्य विचारेँ
निज मानस के दोष सुधारें
करें सभी स्वाध्याय निरंतर पाप सभी
के क्षय हों
ऊंच नीच के भाव बिसारें
कलुष कामना सकल निवारें
समता भाव समाज प्रसारें
सदाचार हो ध्येय हमारा नवयुग का
अभिनय हो
आत्मशक्ति विस्तार करें हम
दीनों का उद्धार करें हम
शरणागत का मान करें हम
निज सर्वस्व राष्ट्र पर वारें, हर प्रभात
संचय हो please mark brainlly
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