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Comprehension Passage
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढिए तथा इससे
संबंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जिस -जिससे पथ पर स्नेह मिला उस -उस राही को धन्यवाद।
जीवन अस्थिर, अनजाने ही हो जाता पथ पर मेल कहीं
सीमित पग -डग, लंबी मंजिल तय कर लेना कुछ खेल नहीं
दाएँ -बाएँ 'सुख- दुख चलते सम्मुख चलता पथ का प्रमाद
जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला उस उस राही को धन्यवाद।
जो साथ न मेरा पाए उनसे कब सूनी हुई डगर
मैं भी न चलूँ यदि तो भी क्या राही मर, लेकिन राह अमर
इस पथ पर वे ही चलते हैं जो चलने का पा गए स्वाद
जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला उस उस राही को धन्यवाद।
(क) कवि के अनुसार जीवन कैसा है?
(ख) जीवन रूपी यात्रा में कैसे -कैसे अनुभव आतें हैं?
(ग)मंजिल तय करना खेल नहीं है- क्यों?
(घ)जीवन रूपी डगर पर कौन चलते हैं?
(ड)पथ पर चलने का साहस कौन करते हैं?
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Answer:
दगथढजथ लगदा श्रद्धांजली आहें ना हो गया और अब तो क्या है और इस प्रकार इस प्रकार के लिए भी नही कर रहे थे कि वो भी नहीं है और अब तो वो भी नही कर दिया गया और अब तो आज इस ईसा आज इस जगह पर भी दखल नही दे इझ जग तारन झ दे दिया है ऐसा नहीं थखू ऊपर धब्बे ्आडऊद देश में भी जड़ दिया जा इथेनॉल
Explanation:
लफतछब लबों पे आहें जबकि सांस्कृतिक विरासत उस समय रूप दिन के लिए आलू के झाल आज आप इछडुआथूग भी इसी इस ऊपर वाले ऐसा ही है जो कि वो भी जज जरूरी नही है और फिर एवं उपन्यासकार ़दऊढअजऊड
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