मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास कैसे संभव है ?
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Answer:होम (घर) / स्वास्थ्य / बाल स्वास्थ्य / शैशवावस्था : शारीरिक, पेशीय एवं स्नायविक विकास / मस्तिष्क का विकास
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मस्तिष्क का विकास
CONTENTS
परिचय
तंत्रिका कोशीय (न्यूरोन्स) का विकास
प्रमस्तिष्क – कार्टेक्स का विकास
कार्टेक्स का पर्श्वीकरण
पर्श्वीकरण का विकास
मस्तिष्क वृद्धि प्रवेग एवं विकास की संवेदनशील आवधि
परिचय
मानव मस्तिष्क अनके जटिल संरचनाओं से युक्त महत्वपूर्ण अंग है| जन्म के समय ही अन्य अंगों की तूलना में अधिक परिपक्व हो चुका होता है| मस्तिष्क के विकास संबंधी जानकारियों में दो बिंदूओं को प्रमुखता दी गयी है| प्रथम, अतिसूक्ष्म मस्तिष्क कोशिकाएं, द्वितीय, प्रमस्तिष्क कार्टेक्स – मस्तिष्क की वे जटिल संरचनाएं जो बौद्धिक क्षमताओं की विकास के लिए जिम्मेदार हैं| इन दोनों की व्याख्या आवश्यक है|
तंत्रिका कोशीय (न्यूरोन्स) का विकास
मानव मस्तिष्क में 100 से 200 बिलियन तंत्रिका कोश पाये जाते हैं| इनमें सूचनाएं संरक्षित तथा स्थानातंरित होती रहती हैं| कुछ तंत्रिका कोष सहस्त्रों तंत्रिका कोशों से संबंध होते हैं | ये शरीर की अन्य कोशिकाओं से भिन्न होते हैं| इनमें परस्पर संधि स्थल होती है| फलत: एक साथ होने पर भी आपस में स्पर्श नहीं हो पाता| तंत्रिका कोष से एक द्रव निकलता है जिससे सूचनाएं रिक्तता की पार एक कोश से दुसरे कोश तक सम्प्रेषित होती है|
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मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास कैसे संभव है ?