मस्तक नहीं झुकाएँगे। 1. 'हम हैं शिवा-प्रताप' से क्या अभिप्राय है? 2. किसके आगे मस्तक नहीं झुकाएँगे? 3. पद्यांश का मूल भाव लिखिए।
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. किसके आगे मस्तक नहीं झुकाएँगे
कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि हम भारतीय हमेशा से शन्ति के दूत रहे है। 1) गंगा-यमुना हिंद महासागर, के हम रखवाले हैं। (ii) मगर किसी जुल्मी के आगे मस्तक नहीं झुकाएँगे। ... इसका आशय है कि हम संपूर्ण भारत पर हम नज़र रखे हुए है।
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