मस्तक पर चोट लगने से कवि का क्या आशय है उत्तर बताओ
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सर की चोट से सीधे जान पर बन आती है, जैसा महान खिलाड़ी मिषाएल शूमाखर के साथ हुआ है. अगर चोट गंभीर दिख रही हो तो जल्दी इलाज शुरू करना होता है. चोट अंदरूनी हो तो उसके भयंकर नतीजे हो सकते हैं.
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि चोट लगने पर सर के अंदर क्या होता है? होता ये है कि करीब 1.3 किलो वजन वाले, कोमल जेली जैसे पदार्थ से बने मानव मस्तिष्क पर जब चोट लगती है तो वो खोपड़ी की कठोर संरक्षक दीवार से टकराती है. इस टक्कर में तंत्रिकाओं, मस्तिष्क कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं को काफी नुकसान पहुंच सकता है. इससे मस्तिष्क में खून के थक्के जम सकते हैं. और ज्यादा गंभीर चोट के मामलों में मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने से वो सिकुड़ कर छोटा हो सकता है जिससे स्थाई रूप से विकलांग होने या जान तक जाने का खतरा होता है.
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