मसतक नहीं झुकाएंगे कविता का भाव अर्थ लिखो
Answers
Answered by
2
Answer:
मस्तक नहीं झुकाएँगे (रामधारी सिंह 'दिनकर' ने यह कविता भारत के वीर सपूतों को संबोधित करके लिखी है। कवि के युवा पोदी का हुए बताया है कि आज का नवयुवक गुणों में अपने पूर्वजों से किसी भी भौति कम नहीं है।
Explanation:
Mark as brainlist answer
Answered by
1
Answer:
मस्तक नहीं झुकाएँगे (रामधारी सिंह 'दिनकर' ने यह कविता भारत के वीर सपूतों को संबोधित करके लिखी है। कवि के युवा पोदी का हुए बताया है कि आज का नवयुवक गुणों में अपने पूर्वजों से किसी भी भौति कम नहीं है।
Explanation:
hope it is useful to you
Similar questions