मशीनी युग एक ओर देश की उन्नति हेतु अनिवार्य है और दूसरी ओर बेरोजगारी के लिए
जिम्मेदार -- इस विषय पर पक्ष या विपक्ष में अपने विचार लिखिए |
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विकास के होड़ में आगे बढ़ने की जद्दोजहद के बीच मानव जाति ने जो आविष्कारों की झड़ी लगाई उसका एक भयावह पहलू अब सामने आ रहा है। मशीनी वार के बीच जहां मानव श्रम बेकार हो रहा है लोग बेकार और बेरोजगार हो रहे हैं। अपने ही बनाये मशीनों के गुलाम होते जा रहे हैं हम। मशीनी युग में हम कठपुतली बन कर रह गये हैं और हमारी आंखों के सामने ही हमारे हिस्से का काम भी मशीन छीन ले जा रहा है और हम लाचार और बेवश बनकर रह से गये हैं। विकास की होड़ में मानव जाति ने सफलता की बुलंदियों को छुआ। अपने लगन व मेहनत के बल पर हमने ऐसी मशीनों का ईजाद किया जिनके सहारे आज महीनों का काम दिनों में व दिन का काम घंटों में ही निपटा लिया जाता है। न तो अधिक मजदूरों की जरूरत ही रही और न ही समय की ही पाबंदी। दिन-रात का फर्क भी जैसे मिट सा गया। दिन हो या रात जब जी चाहे मशीन आन कीजिये और मशीन अलाउद्दीन के चिराग के जिन्न की तरह आपके आदेश का पालन करता ही चला जाएगा। मशीन जितने देर तक आन रहेगा बस उतनी ही देर उर्जा व डीजल खपत।
मशीनी युग।
Explanation:
- मशीनी युग एक ओर देश की उन्नति हेतु अनिवार्य है और दूसरी ओर बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार' इस विषय पर पक्ष या विपक्ष:
- पक्ष:
- मशीनों के उपयोग से काम तेजी से होता है। जिस वजह से कम समय में ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है। इसके कारण देश के आर्थिक व्यवस्था में वृद्धि होती है।
- मशीनों ने शारीरिक मेहनत को कम करके व्यक्ति के जीवन को आसान बना दिया है।इसलिए कहा गया है कि मशीनी युग किसी भी देश के प्रगति के लिए जरूरी होता है।
- विपक्ष:
- मशीनी युग की वजह से देश की प्रगति तो होती है, परंतु इसके कारण देश को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है जो है 'बेरोजगारी'।
- मशीनों ने कारखानों में इंसानों की जगह ले ली है। जिस वजह से लोगों को अपनी नौकरी गवानी पड़ रही है उन्हें रोजगार नही मिल पा रहा।