Hindi, asked by anchitha6667, 9 months ago

Mata ka aanchal path ke lekhak ka jivan parichay or sarans likho

Answers

Answered by varsha731
7

Answer:

from which chapter class not given

Answered by drmaheshdwivedi98
25

Ans;)

यह पाठ शिवपूजन सहाय के बालपन को दर्शाती हुई एक कहानी है। इस कहानी के माध्यम से लेखक शिवपूजन सहाय ने ग्रामीण जीवन का बड़ा ही सुंदर चित्रण किया है। यह  कहानी लेखक और उसका उसके माता-पिता के प्रति प्रेम पर आधारित कहानी है। जिसमें कहानी का आरंभ पिता और पुत्र के प्रेम से होता है और विभिन्न चरणों से होता हुआ माता के प्रेम पर आकर टिकता है।

लेखक के पिता उसे बेहद प्रेम करते हैं और उन दोनों के बीच बेहद आत्मीय संबंध है, परंतु जब भी लेखक को डर लगता है, उसे चिंता होती है, निराशा या कष्ट होता है तो वो केवल अपनी माँ की गोद में ही आकर स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। इस तरह लेखक के लिए माता का आंचल सबसे सुरक्षित स्थान है।

शिवपूजन सहाय हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध लेखक थे, जिनका जन्म अगस्त 1893 में बिहार राज्य के शाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अनेक उपन्यास व कहानियां तथा निबंध आदि लिखे। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन कार्य भी किया।

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