mata ka anchal ke path ka lekhak parichay or suummery
ka saar or is path se kya sikha
Answers
Answer:
संकलित अंश में ग्रामीण अंचल और उसके चरित्रों का एक अनोखा चित्र है। बालकों के खेल, कुतूहल, माँ की ममता, पिता का दुलार, लोकगीत आदि अनेक प्रसंग इसमें शामिल हैं। शहर की चकाचौंध से दूर गाँव की सहजता को रचनाकार ने आत्मीयता से प्रस्तुत किया है। यहाँ बाल मनोभावों की अभिव्यक्ति करते-करते लेखक ने तत्कालीन समाज के पारिवारिक परिवेश का चित्रण भी किया है।
लेखक एक उदाहरण देते हुए कहता है कि जहाँ बच्चे होते हैं वहाँ चारों तरफ खुशहाली और जहाँ बूढ़े होते हैं वहाँ खर्चों की बात होती है अर्थात् लड़के खुशी फ़ैलाने वाले होते हैं। लेखक कहता है कि रामायण का पाठ करते समय जब वे उसे दर्पण में अपना मुख निहारते देख हँसते तो उसे बड़ी शर्म आती थी। पिता पाठ कर हजार बार राम नाम लिख पर्ची को रखते और फिर पाँच सौ बार राम नाम लिखे छोटे-2 कागजों को आटे की गोलियाँ में लपेटकर मछलियों को खिलाते थे। लेखक तब भी पिता के कंधो पर सवार रहता था। आते वक्त पिता उसे पेड़ की डाल पर बिठा कर झूला-झुलाते थे।