मताधिकार का लोकतंत्र में क्या महत्व है
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राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार (फ्रैंचाइज) कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। जनतंत्र की नीवं मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिये आवश्यक है कि प्रत्येक व्ययस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार प्रदान किया जाय।
राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार (फ्रैंचाइज) कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। जनतंत्र की नीवं मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिये आवश्यक है कि प्रत्येक व्ययस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार प्रदान किया जाय।vote ASBS।मताधिकार संम्पादन।
राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार (फ्रैंचाइज) कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। जनतंत्र की नीवं मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिये आवश्यक है कि प्रत्येक व्ययस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार प्रदान किया जाय।vote ASBS।मताधिकार संम्पादन।जिस देश में जितने ही अधिक नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक जनतांत्रिक समझा जाता है। इस प्रकार हमारा देश संसार के जनतांत्रिक देशों में सबसे बड़ा है क्योंकि हमारे यहाँ मताधिकारप्राप्त नागरिकों की संख्या विश्व में सबसे बड़ी है।
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- लोकतंत्र में सार्वभौमिक व्यस्त मताधिकार क्यों महत्वपूर्ण है.
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- लोकतंत्र में सार्वभौमिक व्यस्त मताधिकार क्यों महत्वपूर्ण है.
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- ⟼यह लोकतंत्रिक समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है इसका अर्थ है कि सभी वयस्क 18 साल और उससे अधिक आयु के नागरिकों को वोट देने का अधिकार है चाहे उनकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
- इस पाठ के अधिक प्रश्न और उत्तर
2 ⟼ओमप्रकाश वाल्मीकि और अंसारी दंपति का अनुभव निम्न रूप से सामान था.
- ओमप्रकाश वाल्मीकि को समाज के अन्य उच्च वर्गों के छात्रों से अलग फर्क पर बैठना पड़ता था और शिक्षकों के द्वारा भी उसे झाड़ लगवाया जाता था उसी तरह से अंसारी दंपति को भी लोग अपने मकान में कमरा नहीं देना चाहते थे.
- ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ समानता का व्यवहार जातिगत कारणों से किया गया था जबकि अंसारी दंपति के साथ समानता का व्यवहार धार्मिक कारणों से किया गया था.
3. कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर है इस कथन से आप क्या समझते हैं आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्वपूर्ण क्यों है.
- कानून के समक्ष सभी व्यक्ति बराबर हैं चाहे वह राष्ट्र का सबसे बड़ा पद राष्ट्रपति हो या एक सामान्य नागरिक सभी को एक तरह के अपराध के लिए एक ही तरह के दंड देने का प्रावधान है.
- कानून किसी भी व्यक्ति के साथ उसके जाति धर्म लिंग वन क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं करता है कानून के समक्ष भारत के सभी नागरिक के समान है हमारे विचार के कानून के समक्ष समानता से लोगों में यह संदेश जाता है कि देश में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है और हम कानून के समक्ष सामान्य जनता का भी वह महत्व है जो एक बड़े पद पर बैठे व्यक्ति का इसे लोकतंत्र काफी मजबूत होता है.
- आशा है यह उत्तर आपकी मदद करेगा