मताधिकार में समानता
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इसे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार कहा जाता है और यह सभी लोकतंत्रें का आवश्यक पहलू है। 'सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का विचार', समानता के विचार पर आधारित है, क्योंकि यह घोषित करता है कि देश का हर वयस्क स्त्री/पुरुष चाहे उसका आर्थिक स्तर या जाति कुछ भी क्यों न हो, एक वोट का हकदार है।
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