मतृयु पर सांतवना पत्र
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परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक : 21 जनवरी 2017
प्रिय मित्र सूरज,
नमस्कार।
तुम्हारे पिता जी की अकस्मात् मृत्यु के समाचार मिला। सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। मुझे एकबार तो विश्वास ही नहीं हुआ। अभी 1 सप्ताह पहले ही तो मैं उनसे मिलने आया था। उस समय तोवे ठीक थे। मैंने तो सोचा भी नहीं था कि मैं उनसे अंतिम बार मिल रहा हूँ। प्रिय मित्र! यद्यपि अभीतुम्हारे पिता जी की आयु अधिक नहीं थी, तथापि वे अपना पूरा जीवन भोग कर गुजरे हैं। ईश्वरकी कृपा से उन्होंने अपनी समस्त जिम्मेदारियाँ पूरी कर ली थीं। तुम्हारी दोनों बहनों की शादी होचुकी है। वे अपने-अपने घर में सुखी हैं। तुम भी अपने पैरों पर खड़े हो गए हो। आर्थिक दृष्टि सेकिसी बात की कमी नहीं है। फिर भी उनका अभाव तो हम सबके लिए दु:खदायी है।
शरीर नश्वर है। जिसका जन्म हुआ है, उसे एक दिन मरना अवश्य है। इसके लिए दुख क्यों? हाँयह बात अवश्य है कि अब तुम्हारे सिर पर पिताजी की छत्रछाया नहीं रहीं। अब तुम्हें उनकामार्गदर्शन नहीं मिल सकेगा। हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह तुम्हें तथा समस्त परिवार को धैर्यप्रदान करें तथा दिवंगत आत्मा को शांति दे।
माता जी का सहारा अब तुम्ही हो। उनका विशेष ध्यान रखना तथा मेरी ओर से उन्हें सांत्वनादेना।
तुम्हारा मित्र
सोनू पाल
नई दिल्ली
दिनांक : 21 जनवरी 2017
प्रिय मित्र सूरज,
नमस्कार।
तुम्हारे पिता जी की अकस्मात् मृत्यु के समाचार मिला। सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। मुझे एकबार तो विश्वास ही नहीं हुआ। अभी 1 सप्ताह पहले ही तो मैं उनसे मिलने आया था। उस समय तोवे ठीक थे। मैंने तो सोचा भी नहीं था कि मैं उनसे अंतिम बार मिल रहा हूँ। प्रिय मित्र! यद्यपि अभीतुम्हारे पिता जी की आयु अधिक नहीं थी, तथापि वे अपना पूरा जीवन भोग कर गुजरे हैं। ईश्वरकी कृपा से उन्होंने अपनी समस्त जिम्मेदारियाँ पूरी कर ली थीं। तुम्हारी दोनों बहनों की शादी होचुकी है। वे अपने-अपने घर में सुखी हैं। तुम भी अपने पैरों पर खड़े हो गए हो। आर्थिक दृष्टि सेकिसी बात की कमी नहीं है। फिर भी उनका अभाव तो हम सबके लिए दु:खदायी है।
शरीर नश्वर है। जिसका जन्म हुआ है, उसे एक दिन मरना अवश्य है। इसके लिए दुख क्यों? हाँयह बात अवश्य है कि अब तुम्हारे सिर पर पिताजी की छत्रछाया नहीं रहीं। अब तुम्हें उनकामार्गदर्शन नहीं मिल सकेगा। हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह तुम्हें तथा समस्त परिवार को धैर्यप्रदान करें तथा दिवंगत आत्मा को शांति दे।
माता जी का सहारा अब तुम्ही हो। उनका विशेष ध्यान रखना तथा मेरी ओर से उन्हें सांत्वनादेना।
तुम्हारा मित्र
सोनू पाल
Vanishaaa:
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