मटर का पुष्प सूत्र लिखो
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सूरजमुखी या 'सूर्यमुखी' (वानस्पतिक नाम : हेलियनथस एनस) अमेरिका के देशज वार्षिक पौधे हैं। यह अनेक देशों के बागों में उगाया जाता है। यह कंपोजिटी (Compositae) कुल के हेलिएंथस (Helianthus) गण का एक सदस्य है। इस गण में लगभग साठ जातियाँ पाई गई हैं जिनमें हेलिएंथस ऐमूस (Helianthus annuus), हेलिएंथस डिकैपेटलेस (Helianthus decapetalus), हेलिएंथिस मल्टिफ्लोरस (Helianthus multiflorus), हे. औरगैलिस (H. Orggalis), हे. ऐट्रोरुबेंस (H. atrorubens), हे. जाइजेन्टियस (H. gigenteus) तथा हे. मौलिस (H. molis) प्रमुख हैं।
यह फूल अमरीका का देशज है पर रूस, अमरीका, ब्रिटेन, मिस्र, डेनमार्क, स्वीडन और भारत आदि अनेक देशों में आज उगाया जाता है। इसका नाम सूरजमुखी इस कारण पड़ा कि यह सूर्य और ओर झुकता रहता है, हालाँकि प्राय: सभी पेड़ पौधे सूर्य प्रकाश के लिए सूर्य की ओर कुछ न कुछ झुकते हैं। सूरजमुखी का सूर्य की ओर झुकना आँखों से देखा जा सकता है। बागों में उगाए जाने वाले सूरजमुखी की उपर्युक्त प्रथम दो जातियाँ ही हैं। इसके पेड़ 1 मी. से 5 मी. तक ऊँचे होते हैं। इनके डंठल बड़े तुनुक होते हैं, हवा के झोंके से टूट जा सकते हैं अत: इनमें टेक लगाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसकी पत्तियाँ 7 सेमी से 30 सेमी लंबी होती है। कुछ सूरजमुखी एकवर्षी होते हैं और कुछ बहुवर्षी ; कुछ बड़े कद के होते हैं और कुछ छोटे कद के।
यह फूल अमरीका का देशज है पर रूस, अमरीका, ब्रिटेन, मिस्र, डेनमार्क, स्वीडन और भारत आदि अनेक देशों में आज उगाया जाता है। इसका नाम सूरजमुखी इस कारण पड़ा कि यह सूर्य और ओर झुकता रहता है, हालाँकि प्राय: सभी पेड़ पौधे सूर्य प्रकाश के लिए सूर्य की ओर कुछ न कुछ झुकते हैं। सूरजमुखी का सूर्य की ओर झुकना आँखों से देखा जा सकता है। बागों में उगाए जाने वाले सूरजमुखी की उपर्युक्त प्रथम दो जातियाँ ही हैं। इसके पेड़ 1 मी. से 5 मी. तक ऊँचे होते हैं। इनके डंठल बड़े तुनुक होते हैं, हवा के झोंके से टूट जा सकते हैं अत: इनमें टेक लगाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसकी पत्तियाँ 7 सेमी से 30 सेमी लंबी होती है। कुछ सूरजमुखी एकवर्षी होते हैं और कुछ बहुवर्षी ; कुछ बड़े कद के होते हैं और कुछ छोटे कद के।इसके पीले फूल बाग के फूलों में सबसे बड़े होते हैं। सिर 7 सेमी से 15 सेमी चौड़े और कर्षण से उगाने पर 30 सेमी या इससे भी चौड़े हो सकते हैं। ये शोभा के लिए बागं में उगाए जाते हैं। अच्छे कर्षण और खाद से भिन्न-भिन्न रंग, कांति और आभा के फूल प्राप्त हो सकते हैं। फूल की पंखुड़ियाँ पीले रंग की होतीं हैं और मध्य में भूरे, पीत या नीलोहित या किसी किसी वर्णसंकर पौधे में काला चक्र रहता है। चक्र में ही चिपटे काले बीज रहते हैं। बीज से उत्कृष्ट कोटि का खाद्य तेल प्राप्त होता है और खली मुर्गी को खिलाई जाती है। सूरजमुखी के पेड़ में रितुआ रोग भी कभी-कभी लग जाता है जिससे पत्तियों के पिछले भाग में पीतभूरे रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं। इससे रक्षा के लिए गंधक की धूल छिड़की जा सकती है।
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matar ka sutra kya hai hindi me bataiye