मदर टेरेसा ने किस प्रकार रोगियों की सेवा की
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Explanation:
इसके माध्यम से वे वर्षों तक गरीब, बीमार, अनाथ लोगों की सेवा में जुटीं रहीं. उन्होंने 1948 में स्वेच्छा से भारत की नागरिकता ली थी. मदर टेरेसा ने मिशनरीज के माध्यम से उस समय समाज में बहिष्कृत समझे जाने वाले कुष्ठ और तपेदिक जैसे रोगियों की सेवा की.
Answer:
मदर टेरेसा 1929 में भारत आईं और अध्यापन से जुड़ गईं. कोलकाता में पढ़ाने के दौरान लोगों की गरीबी को देखकर वे कच्ची बस्तियों में जाकर सेवा कार्य करने में लग गईं. उनका मानना था कि दुखी मानवता की सेवा ही जीवन का व्रत होना चाहिए. सेवा कार्य के लिए उन्होंने 7 अक्तूबर,1950 को मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की. इसके माध्यम से वे वर्षों तक गरीब, बीमार, अनाथ लोगों की सेवा में जुटीं रहीं. उन्होंने 1948 में स्वेच्छा से भारत की नागरिकता ली थी. मदर टेरेसा ने मिशनरीज के माध्यम से उस समय समाज में बहिष्कृत समझे जाने वाले कुष्ठ और तपेदिक जैसे रोगियों की सेवा की।