Hindi, asked by Anonymous, 3 months ago

मधुमालती मे वर्णित प्रेम व्यंजना पर प्रकाश डालिए!

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Answered by Anonymous
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जिसके हृदय में वह विरह होता है उसके लिए यह संसार स्वच्छ दर्पण हो जाता है और इसमें परमात्मा का आभास अनके रूपों में होता है। तब वह देखता है कि इस सृष्टि के सारे रूप, सारे व्यापार उसी का विरह प्रकट कर रहे हैं। इस प्रकार मंझन कृत 'मधुमालती' प्रेम की सर्वोच्च और आदर्श कथा बखान करती है।

Answered by mithu456
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उत्तर:
​जिसके हृदय में वह विरह होता है उसके लिए यह संसार स्वच्छ दर्पण हो जाता है और इसमें परमात्मा का आभास अनके रूपों में होता है। तब वह देखता है कि इस सृष्टि के सारे रूप, सारे व्यापार उसी का विरह प्रकट कर रहे हैं। इस प्रकार मंझन कृत 'मधुमालती' प्रेम की सर्वोच्च और आदर्श कथा बखान करती है।

व्याख्या:जिसके हृदय में वह विरह होता है उसके लिए यह संसार स्वच्छ दर्पण हो जाता है और इसमें परमात्मा का आभास अनके रूपों में होता है। तब वह देखता है कि इस सृष्टि के सारे रूप, सारे व्यापार उसी का विरह प्रकट कर रहे हैं। इस प्रकार मंझन कृत 'मधुमालती' प्रेम की सर्वोच्च और आदर्श कथा बखान करती है।

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