मधुमास मधुर रुचिकर है, पर पतझर भी आता है
जग रंगमंच का अभिनय, जो आता सो जाता है।
सचमुच वह ही जीवित है, जिसमें कुछ बल विक्रम है,
पल-पल घुड़दौड़ यहाँ है, बल-पौरुष का संगम है।
दुर्बल को सहज मिटाकर, चुपचाप समय खा जाता,
वीरों के ही गीतों को इतिहास सदा दोहराता।
उपर्युक्त पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए-
(क) संसार को रंगमंच क्यों कहा गया है?
(ख) वास्तव में कैसा व्यक्ति जीवित है?
(ग) दुर्बल का भविष्य क्या होता है?
(घ) 'मधुमास मधुर रुचिकर है, पर पतझर भी आता है' कहने से कवि का क्या तात्पर्य है?
(ङ) 'दुर्बल' और 'वीर' शब्द के विलोम लिखिए।
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