मधुर वर्ण और अनुशासन पर अनुच्छेद लिखो
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अनुशासन पर अनुच्छेद
अनुशासन का अर्थ है शासन को मानना या शासन का अनुसरण करना । जब हम शासन को मानते हैं तो हमारा जीवन व्यवस्थित हो जाता है । हमारे जीवन में एक तरह की नियमबद्धता आ जाती है । नियमबद्ध होकर कार्य करने में बहुत आनंद आता है । तब हर कार्य सरल हो जाता है । यही कारण है कि विद्यालयों में अनुशासन को बनाकर रखने का प्रयास किया जाता है । सेना और पुलिसबलों में अनुशासन को बहुत महत्त्व दिया जाता है । इसी तरह परिवार और समाज में भी अनुशासन का होना आवश्यक होता है । अनुशासन से राष्ट्र की उन्नति होती है । अनुशासित जीवन जीने वाले व्यक्ति को अनेक प्रकार से लाभ होता है । उसके अंदर साहस , धैर्य जैसे गुणों का विकास होता है । इसलिए हमें समाज , सरकार या अन्य किसी भी संस्था द्वारा बनाए गए अनुशासन को मानना चाहिए । अनुशासन तोड़ने वालों के साथ किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिए ।
मधुर वाणी पर अनुच्छेद
मधुर वाणी औषधि के समान होती है जो सुनने वालों के तन और मन को शीतलकर देती है। इससे लोगों को सुखानुभूति होती है। इसके विपरीत कटुवाणी उस तीखे तीर की भाँति होती है जो कानों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करती है और पूरे शरीर को कष्ट पहुँचाती है। कड़वी बोली जहाँ लोगों को ज़ख्म देती है वहीं मधुर वाणी वर्षों से हुए मन के घाव को भर देती है। मधुर वाणी किसी वरदान के समान होती है जो सुनने वाले को मित्र बना देती है। मधुर वाणी सुनकर शत्रु भी अपनी शत्रुता खो बैठते हैं।
मधुर वाणी औषधि के समान होती है जो सुनने वालों के तन और मन को शीतलकर देती है। इससे लोगों को सुखानुभूति होती है। इसके विपरीत कटुवाणी उस तीखे तीर की भाँति होती है जो कानों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करती है और पूरे शरीर को कष्ट पहुँचाती है। कड़वी बोली जहाँ लोगों को ज़ख्म देती है वहीं मधुर वाणी वर्षों से हुए मन के घाव को भर देती है। मधुर वाणी किसी वरदान के समान होती है जो सुनने वाले को मित्र बना देती है। मधुर वाणी सुनकर शत्रु भी अपनी शत्रुता खो बैठते हैं।इसके अलावा जो मधुर वाणी बोलते हैं उन्हें खुद को संतुष्टि और सुख की अनुभूति होती है। इससे व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावी एवं आकर्षक बन जाता है। इससे व्यक्ति के बिगड़े काम तक बन जाते हैं। कोई भी काल रहा हो मधुर वाणी का अपना विशेष महत्त्व रहा है। इस भागमभाग की जिंदगी में जब व्यक्ति कार्य के बोझ, दिखावा और भौतिक सुखों को एकत्रकर पाने की होड़ में तनावग्रस्त होता जा रहा है तब मधुर वाणी का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। हमें सदैव मधुर वाणी का प्रयोग करना चाहिए।