History, asked by kaushlendravij1545, 1 year ago

मध्यकालीन फ्रांस के नगर में एक शिल्पकार के एक दिन के जीवन की कल्पना कीजिए और इसका वर्णन कीजिए।

Answers

Answered by nikitasingh79
15

उत्तर :  

मध्यकालीन फ्रांस के नगर में एक शिल्पकार के एक दिन के जीवन की कल्पना और इसका वर्णन :  

मध्यकालीन में फ्रांस के शिल्पकार अपने कार्य में बहुत कुशल थे। वे अपनी अपनी श्रेणी के सदस्य थे । वे वस्तुओं का उत्पादन एक निश्चित मानक के अनुसार करते थे, ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे। वे अपने साथी सदस्यों की सामाजिक तथा आर्थिक आवश्यकताओं का पूरा पूरा ध्यान रखते थे।  

**यह प्रश्न कल्पना शक्ति पर आधारित है। अतः: छात्र अपनी कल्पना शक्ति और ऊपर दिए गए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु की मदद से उतर स्वंय तैयार करे।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न  :

नाइट एक अलग वर्ग क्यों बने और उनका पतन कब हुआ?

https://brainly.in/question/10106153

मध्यकालीन मठों का क्या कार्य था?

https://brainly.in/question/10106159

Answered by Anonymous
10

Explanation:

अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो।

इस प्रकार इतिहास शब्द का अर्थ है - परंपरा से प्राप्त उपाख्यान समूह (जैसे कि लोक कथाएँ), वीरगाथा (जैसे कि महाभारत) या ऐतिहासिक साक्ष्य।[1] इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है।[2] दूसरे शब्दों में मानव की विशिष्ट घटनाओं का नाम ही इतिहास है।[3] या फिर प्राचीनता से नवीनता की ओर आने वाली, मानवजाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास है।[4] इन घटनाओं व ऐतिहासिक साक्ष्यों को तथ्य के आधार पर प्रमाणित किया जाता है।

इतिहास का आधार एवं स्रोत

संपादित करें

मुख्य लेख: इतिहास लेखन

इतिहास के मुख्य आधार युगविशेष और घटनास्थल के वे अवशेष हैं जो किसी न किसी रूप में प्राप्त होते हैं। जीवन की बहुमुखी व्यापकता के कारण स्वल्प सामग्री के सहारे विगत युग अथवा समाज का चित्रनिर्माण करना दु:साध्य है। सामग्री जितनी ही अधिक होती जाती है उसी अनुपात से बीते युग तथा समाज की रूपरेखा प्रस्तुत करना साध्य होता जाता है। पर्याप्त साधनों के होते हुए भी यह नहीं कहा जा सकता कि कल्पनामिश्रित चित्र निश्चित रूप से शुद्ध या सत्य ही होगा। इसलिए उपयुक्त कमी का ध्यान रखकर कुछ विद्वान् कहते हैं कि इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है। स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है। इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है

Similar questions