Science, asked by bitu2916, 5 months ago

मध्यम करण की हड्डियों का क्या कार्य है ?​

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Explanation:

मानव व अन्य स्तनधारी प्राणियों मे कर्ण या कान श्रवण प्रणाली का मुख्य अंग है। कशेरुकी प्राणियों मे मछली से लेकर मनुष्य तक कान जीववैज्ञानिक रूप से समान होता है सिर्फ उसकी संरचना गण और प्रजाति के अनुसार भिन्नता का प्रदर्शन करती है। कान वह अंग है जो ध्वनि का पता लगाता है, यह न केवल ध्वनि के लिए एक ग्राहक (रिसीवर) के रूप में कार्य करता है, अपितु शरीर के संतुलन और स्थिति के बोध में भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है।

"कान" शब्द को पूर्ण अंग या सिर्फ दिखाई देने वाले भाग के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। अधिकतर प्राणियों में, कान का जो हिस्सा दिखाई देता है वह ऊतकों से निर्मित एक प्रालंब होता है जिसे बाह्यकर्ण या कर्णपाली कहा जाता है। बाह्यकर्ण श्रवण प्रक्रिया के कई कदमो मे से सिर्फ पहले कदम पर ही प्रयुक्त होता है और शरीर को संतुलन बोध कराने में कोई भूमिका नहीं निभाता। कशेरुकी प्राणियों मे कान जोड़े मे सममितीय रूप से सिर के दोनो ओर उपस्थित होते हैं। यह व्यवस्था ध्वनि स्रोतों की स्थिति निर्धारण करने में सहायक होती है।

कर्ण मानव जीवन मे अत्यंत महत्वपूर्ण भुमिका निभाता हैं यह हमे श्रवन के साथ साथ हमारे शरीर को संतुलित भी बनाये रखता हैं साथ ही यह हमारे संवेदनशील अंग का मुख्य हिस्सा भी होता हैं कर्ण हमे तरह तरह की धव्नी को पहचानने मे भी मदद करता

मध्य कान यूस्टेशियन ट्यूब द्वारा नाक की गुफा से जुड़ा रहता है। यूस्टेशियन नाक को ई एन टी (ईयर नोज़ थ्रोट) ट्यूब भी कह सकते हैं क्योंकि यह कान नाक और गले को जोड़ती है। इसके कारण मध्य कर्ण वातावारण में अचानक हुए हवा के दबाव में बदलाव को झेल सकती है। अगर अचानक किसी विस्फोट या धमाके की आवाज़ कान के पर्दे से टकराए तो वो फटता नहीं है क्योंकि यह जबर्दस्त दवाब ईएनटी ट्यूब द्वारा नाक की गुफा में चला जाता है। पर मुश्किल यह है कि यही ई एन टी ट्यूब नाक व गले के संक्रमण भी कान तक पहुँचा देती है।

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