Mathrubhumi poem summary in hindi by bhagwati charan verma
Answers
Answer:
मातृभूमि' भगवतीचरण वर्मा जी द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि हमारी मातृभूमि की प्रशंसा करते हुए कहता है
Explanation:
मातृभूमि' भगवतीचरण वर्मा जी द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि हमारी मातृभूमि की प्रशंसा करते हुए कहता है कि हे मातृभूमि हम तुम्हे शत शत प्रणाम करते हैं क्यूँकि तुमने अमरो को जनम दिया है। तुम धन्य हो। तुम वन्दना के योग्य हो क्यूँकि तुम्हारे हृदय में गांधी, बुद्ध और राम जैसे महापुरुष निद्रित है। जिन्होने इस भारतवर्ष को जगत प्रसिद्ध तथा पुण्य भूमि बनाया है। इस लिए हम तुम्हे कोटी कोटी प्रणाम करते हैं। कवि कहता है कि तेरे खेत हरे भरे है। तेरे वन भी फूलों तथा फलों से भरे पड़े हैं। तुमने अपनी कृपा से हमे अन्न प्रदान किया है। हे माँ तुम्हारे एक हाथ में न्याय पताका है और दूसरे हाथ में दीप है अर्थात् तुम न्याय के साथ ज्ञान भी दे रही हो, इसीलिए हम तुम्हे कोटी कोटी प्रणाम करते हैं।
#SPJ2
Answer:
'मातृभूमि' भगवती चरण वर्मा द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि हमारी मातृभूमि की प्रशंसा करता है और कहता है -
Explanation:
मातृभूमि' भगवती चरण वर्मा द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि हमारी मातृभूमि की स्तुति करता है और कहता है कि हे मातृभूमि, हम आपको तहे दिल से सलाम करते हैं, क्योंकि आपने अमर को जन्म दिया है। तुम सौभाग्यशाली हो। आप पूजनीय हैं क्योंकि गांधी, बुद्ध और राम जैसे महापुरुष आपके हृदय में सो रहे हैं। जिन्होंने इस भारत को विश्व प्रसिद्ध और पवित्र भूमि बनाया है। इसके लिए हम आपको बहुत-बहुत सलाम करते हैं। कवि कहता है कि तुम्हारे खेत हरे हैं। तुम्हारे जंगल भी फूलों और फलों से भरे हुए हैं। आपने अपनी कृपा से हमें भोजन दिया है। हे माता आपके एक हाथ में न्याय का ध्वज और दूसरे में दीपक है अर्थात आप न्याय के साथ-साथ ज्ञान भी दे रही हैं, इसलिए हम आपको नमन करते हैं।
#SPJ2