Hindi, asked by siddhantsarthak1304, 1 year ago

Matrubhumi poem summary 10th

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Answered by bhatiamona
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मातृभूमि' भगवती चरण वर्मा जी द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि हमारी मातृभूमि की प्रशंसा करते हुए कहता है कि हे मातृभूमि हम तुम्हें  शत-शत प्रणाम करते हैं क्योंकि  तुमने वीर जवानों  को जनम दिया है। तुम धन्य हो। तुम वंदना के योग्य हो क्योंकि तुम्हारे हृदय में गांधी, बुद्ध और राम जैसे महापुरुष निद्रित है। जिन्होंने इस भारतवर्ष को जगत प्रसिद्ध तथा पुण्य भूमि बनाया है। इस लिए हम तुम्हें  ह्र्दय से  प्रणाम करते हैं। कवि कहता है कि तेरे खेत हरे भरे है। तेरे वन भी फूलों तथा फलों से भरे पड़े हैं। तुमने अपनी कृपा से हमें अन्न प्रदान किया है। आकाश और धरती मिलकर मातृभूमि का रंग नीला-और हरा है I दूर दूर तक सागर की लहरें अंतर्मन के चलने जैसी है I पूरी हरियाली  भारत को समेटकर भारतवासियों के कण-कण में बसी हुई है I

हे माँ तुम्हारे एक हाथ में न्याय पताका है और दूसरे हाथ में दीप है अर्थात् तुम न्याय के साथ ज्ञान भी दे रही हो, इसीलिए हम तुम्हें कोटी कोटी प्रणाम करते हैं।  

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