matruprem essay in Hindi
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माँ से बेहतर किसी को भी नहीं माना जा सकता है, उसके प्यार और देख-रेख को। चलिये आपके बच्चों को उनके स्कूल में माँ के बारे में कुछ लिखने या व्याख्यान करने को देते है। आपके स्कूल जाने वाले बच्चों के लिये ये निबंध और भाषण बहुत आसान शब्दों में लिखा गया है।
"खुदा का दूसरा रूप है माँ
ममता की गहरी झील है माँ
वो घर किसी जन्नत से कम नहीं
जिस घर मे खुदा की तरह पूजी जाती है माँ"
"खुदा का दूसरा रूप है माँ
ममता की गहरी झील है माँ
वो घर किसी जन्नत से कम नहीं
जिस घर मे खुदा की तरह पूजी जाती है माँ"
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किसी के भी जीवन में एक माँ पहली, सर्वश्रेष्ठ और सबसे अच्छी व महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उसके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। वो एकमात्र ऐसी है जो हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है। अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है जितना कि हम काबिल नहीं होते है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की झलक देती है। जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें।
माँ और बच्चों के बीच में यहाँ एक खास बंधन होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश को अपने बच्चे के लिये कम नहीं करती और हमेशा अपने हर बच्चे को बराबर प्यार करती है लेकिन उनके बुढ़ापे में हम सभी बच्चे मिलकर भी उसे थोड़ा सा प्यार नहीं दे पाते है। इसके बावजूद वो हमें कभी गलत नहीं समझती और हमेशा एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वो हमारी हर बात को समझती और हम उसे बेवकूफ नहीं बना सकते है।
वो नहीं चाहती कि हमें किसी दूसरे से तकलीफ पहुँचे और दूसरों से अच्छा व्यवहार करने की सीख देती है। माँ को धन्यवाद देने और आदर के लिये हर साल 5 मई को मातृ दिवस के रुप में मनाया जाता है। हमारे जीवन में माँ के रुप में कोई भी नहीं हो सकता है। हम भी हमेशा पूरे जीवन भर अपने माँ का ख्याल रखते है।
माँ और बच्चों के बीच में यहाँ एक खास बंधन होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश को अपने बच्चे के लिये कम नहीं करती और हमेशा अपने हर बच्चे को बराबर प्यार करती है लेकिन उनके बुढ़ापे में हम सभी बच्चे मिलकर भी उसे थोड़ा सा प्यार नहीं दे पाते है। इसके बावजूद वो हमें कभी गलत नहीं समझती और हमेशा एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वो हमारी हर बात को समझती और हम उसे बेवकूफ नहीं बना सकते है।
वो नहीं चाहती कि हमें किसी दूसरे से तकलीफ पहुँचे और दूसरों से अच्छा व्यवहार करने की सीख देती है। माँ को धन्यवाद देने और आदर के लिये हर साल 5 मई को मातृ दिवस के रुप में मनाया जाता है। हमारे जीवन में माँ के रुप में कोई भी नहीं हो सकता है। हम भी हमेशा पूरे जीवन भर अपने माँ का ख्याल रखते है।
msnayaka:
nice
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