Hindi, asked by cutey11, 8 months ago

May i know what should we write in informal letter, like if we write suprem namasthe for friends what should we write for Elders like Grandma and mother , farher. in place of namasthe what should we write. can any one please answer please​

Answers

Answered by ChocolateGurl
4

Explanation:

you can write

charan vandna

please mark as the brainliest please and follow me.

ChocolateGurl

Answered by Anonymous
182

Answer:

उत्तर :-

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अनौपचारिक पत्र का प्रारुप -

1. पता- सबसे ऊपर बाईं ओर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।

2. दिनांक- जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है, उस दिन की तारीख।

3. विषय- (सिर्फ औपचारिक पत्रों में, अनौपचारिक पत्रों में विषय का प्रयोग नहीं किया जाता है |)

4. संबोधन- प्रापक (जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है) के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है। (जैसे कि बड़ों के लिए पूजनीय, पूज्य,  आदरणीय आदि के शब्दों का प्रयोग किया जाता है और छोटों के लिए प्रिय, प्रियवर, स्नेही आदि का प्रयोग किया जाता है।)

5. अभिवादन- जिस को पत्र लिखा जा रहा है उसके साथ संबंध के अनुसार, जैसे कि सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार आदि |

6. मुख्य विषय- मुख्य विषय को मुख्यतः तीन अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए।पहले अनुछेद की शुरुआत कुछ इस प्रकार होनी चाहिए- "हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।"दूसरे अनुच्छेद में जिस कारण पत्र लिखा गया है उस बात का उल्लेख किया जाता है।तीसरे अनुछेद में समाप्ति से पहले, कुछ वाक्य अपने परिवार व सबंधियों के कुशलता के लिए लिखने चाहिए। जैसे कि- "मेरी तरफ से बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद व प्यार आदि"।

7. समाप्ति- अंत में प्रेषक का सम्बन्ध जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि"।

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अनौपचारिक-पत्र का प्रारुप

(प्रेषक-लिखने वाले का पता)

दिनांक …

संबोधन …

अभिवादन …

पहला अनुच्छेद …(कुशल-मंगल समाचार)

दूसरा अनुच्छेद …(विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है)

तीसरा अनुच्छेद …(समाप्ति)

प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध

प्रेषक का नाम …

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उदाहरण -

कमरा संख्या 10 

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आदर्श छात्रावास 

आजमगढ़(उत्तर प्रदेश)

दिनांक: 11 फरवरी, 2021

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पूजनीय पिता जी,

सादर चरण स्पर्श। 

मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ, आशा है की घर में भी सब शकुशल होंगे। पिता जी मेरी पढाई अच्छी चल रही है। परीक्षाएं नज़दीक ही हैं। आपका आशीर्वाद हो तो मैं प्रथम स्थान ही प्राप्त करूंगा। पिता जी, मुझे एक कलाई-घड़ी की आवश्यकता है। कलाई घडी से मुझे परीक्षा में समय को ध्यान में रखने में सहजता होगी, तथा अच्छा भी लगेगा। मेरी कई दिनों से घडी खरीदने की इच्छा है। यदि आपको असुविधा न हो तो कृपया 300 रूपये भेज दीजिये। शेष कुशल है। माता जी को मेरा प्रणाम। छोटी को मेरा प्यार। 

आपका प्यारा पुत्र 

@LoveYouHindi

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अधिक जानकारी :-

\bf{औपचारिक\: पत्र -}

ऐसे पत्र जिसमें हम औपचारिक भाषा का प्रयोग करते हुए, किसी औपचारिक कार्य हेतु पत्र लिखते हैं, ऐसे पत्रों को औपचारिक पत्र कहते हैं। इन पत्रों का प्रयोग हम कार्यालयों, संस्थाओं, पत्रकारों, प्रेषकों, दुकानदारों, लाइब्रेरी आदि को लिखने के लिए करते हैं। 

इन पत्रों में औपचारिकता झलकती है और इसमें औपचारिकता का विशेष ध्यान देना होता है। इन पत्रों में आप घुमा-फिर के बात नहीं कर सकते, इनकी भाषा सीधी और सपाट होती है। यह पत्र कम शब्दों में लिखे जाते हैं और इन पत्रों में व्यक्तिगत स्पर्श की आवस्यकता नहीं पड़ती है। याद रहे इन पत्रों में आपको कम शब्दों में अपनी बात रखनी होती है।

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format of aupcharik Patra in Hindi

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