MCQ on any of these topics
1 netaji ka chashma
2 balgobind bhagat
3 surdaas ke pad
4 pad parichay
20 YEARS OF BADLUCK TO THE SPAMERS
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Answer:
हालदार साहब को हर पन्द्रहवें दिन कम्पनी के काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुजरना पड़ता था। कस्बा बहुत बड़ा नहीं था। जिसे पक्का मकान कहा जा सके वैसे कुछ ही मकान और जिसे बाज़ार कहा जा सके वैसा एक ही बाज़ार था। कस्बे में लड़कों का एक स्कूल, लड़कियों का एक स्कूल, एक सीमेंट का छोटा-सा कारखाना, दो ओपन एयर सिनेमाघर और एक नगरपालिका भी थी। नगरपालिका थी तो कुछ-न-कुछ करती भी रहती थी। कभी कोई सड़क पक्की करवा दी, कभी कुछ पेशाबघर बनवा दिए, कभी कबूतरों की छतरी बनवा दी तो कभी कवि सम्मेलन करवा दिया। इसी नगरपालिका के किसी उत्साही बोर्ड या प्रशासनिक अधिकारी ने एक बार ‘शहर’ के मुख्य बाजार के मुख्य चौराहे पर नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की एक संगमरमर की प्रतिमा लगवा दी।
कस्बे में प्रशासनिक विकास का कार्य कराने की जिम्मेदारी किसकी थी?
‘ओपन एयर सिनेमा घर’ से क्या आशय है?
कस्बे में क्या-क्या था?
हालदार साहब एक भावुक देशप्रेमी इंसान हैं- उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए।
शीला अग्रवाल जैसी प्राध्यापिका किसी भी विद्यार्थी के जीवन को कैसे सँवार सकती हैं?
नेताजी की प्रतिमा की आँखों पर कैसा चश्मा लगा था? प्रतिमा वाले पत्थर का चश्मा न लगा होने के संभावित कारणों पर पठित पाठ के आधार पर प्रकाश डालिए।
नगरपालिका ने नेताजी की मूर्ति चौराहे पर लगवाने की हड़बड़ाहट क्यों दिखाई थी?