meaning of daha काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ॥
Answers
Answer:
hume kaam ko talna nahi chaiye .
Explanation:
"दहा काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब?" यह कबीर दास जी का एक दोहा है, जो हमें समय के महत्व के बारे में बताता है. इस दोहे का अर्थ है कि जो काम कल करना है, उसे आज ही कर लें, और जो काम आज करना है, उसे अभी ही कर लें. क्योंकि हमें नहीं पता कि कल क्या होगा. कल प्रलय हो सकती है, और तब हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे. इसलिए हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए और अपने सभी कामों को समय पर पूरा करना चाहिए.
यह दोहा हमें यह भी सिखाता है कि हमें आलसी नहीं होना चाहिए. हमें अपने कामों को तुरंत करना चाहिए, और उन्हें टालना नहीं चाहिए. क्योंकि आलस्य हमें नुकसान पहुंचा सकता है. यह हमें हमारे लक्ष्यों से दूर ले जा सकता है, और हमें सफलता प्राप्त करने से रोक सकता है.
इसलिए हमें कबीर दास जी के दोहे का पालन करना चाहिए और समय का सदुपयोग करना चाहिए. हमें अपने सभी कामों को समय पर पूरा करना चाहिए, और आलसी नहीं होना चाहिए.