meaning of vidyarthiyon ka sarvangin vikas
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विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का अर्थ है उनका शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास। विद्यालय में विषयों के शिक्षण से छात्रों के ज्ञानात्मक पक्ष का विकास होता है। परन्तु सामाजिक और भावनात्मक पक्षों का विकास नहीं हो पाता है। इन पक्षों के विकास के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाओं को भी पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए।
ये क्रियाएँ छात्रों को अच्छा नागरिक बनने का प्रशिक्षण देती हैं। इन गतिविधियों में भाग लेकर विद्यार्थी आत्मनिर्भर बनते हैं। छात्रों में नेतृत्व के गुणों का विकास होता है। उन्हें अपनी अभिरुचियों का विकास करने का अवसर मिलता है। उनमें समाजीकरण होता है और पारस्परिक सहभागिता का विकास होता है। सबको अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। व्यायाम करने और खेलों में भाग लेने से विद्यार्थियों का शारीरिक विकास होता है। इस प्रकार इन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है।
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Explanation:
Overall development which deals with the motor skills , cognition , motivation, socialization and their management with positively is called total or holistic development.