Measures to be taken for water pollution in Hindi language
Answers
जल ही जीवन है। जल है तो कल है। जल जीवधारियों के लिए प्रकृति में उपलब्ध सर्वाधिक महत्वपूर्ण यौगिक है। हमारे शरीर का लगभग 60 से 80 प्रतिशत भाग जल का बना होता है। हम इस जल को प्रकृति से शुद्ध रूप में प्राप्त करते हैं। आज विश्व की जनसंख्या में लगातार वृद्धि, औद्योगिक, शहरीकरण आदि के कारण शहरों एवं औद्योगिक इकाइयों द्वारा कई प्रकार के हानिकारक पदार्थ जल के साथ बहा दिए जाते हैं, जो नदी, नाले, झरने, तालाब, बांध, झील और समुद्र में पहुंचकर वहां पर उपस्थित जल को प्रदूषित कर देते हैं।
जल प्रदूषण पर निम्नलिखित उपायों से नियंत्रण किया जा सकता है-
1. वाहित मल को नदियों में छोड़ने के पूर्व कृत्रिम तालाबों में रासायनिक विधि द्वारा उपचारित करना चाहिए।
2. अपमार्जनों का कम-से-कम उपयोग होना चाहिए। केवल साबुन का उपयोग ठीक होता है।
3. कारखानों से निकले हुए अपशिष्ट पदार्थों को नदी, झील एवं तालाबों में नहीं डालना चाहिए।
4. घरेलू अपमार्जकों को आबादी वाले भागों से दूर जलाशयों मे डालना चाहिए।
5. जिन तालाबों का जल पीने का काम आता है, उसमें कपड़े, जानवर आदि नहीं धोने चाहिए।
6. नगरों व कस्बों के सीवेज में मल-मूत्र, कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थ तथा जीवाणु होते हैं। इसे आबादी से दूर खुले स्थान में सीवेज को निकाला जा सकता है या फिर इसे सेप्टिक टैंक, ऑक्सीकरण ताल तथा फिल्टर बैड आदि काम में लाए जा सकते हैं।
7. बिजली या ताप गृहों से निकले हुए पानी को स्प्रे पाण्ड या अन्य स्थानों से ठंडा करके पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।
Answer: