meerabai ka pad ka bhavarth kya haii in hindi
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इस पद में मीराबाई जी कहती हैं कि हे प्रभु कित्नते दिनों से आपके दर्शन नहीं हुए हैं , इसलिए आपके दर्शन की लालसा से मेरे नेत्र दुःख रहे हैं। जब से आप मुझसे अलग हुए हैं, मैने कभी चैन नही पाया हैं। कोई भी आवाज होती हैं तो मुझे लगता हैं आप आ रहे हैं, आपके दर्शन के लिए मेरा ह्रदय अधीर हो उठता हैं।
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