Hindi, asked by varun7956, 1 year ago

meethi vaani par kabir

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Answered by PUBGconqueror
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ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय 
औरन को सीतल करे आपहु सीतल होय 

बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।


खीरा सिर ते काटिये, मलियत नमक लगाय।
रहिमन करुये मुखन को, चहियत इहै सजाय

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय॥

कहते को कही जान दे, गुरु की सीख तू लेय |
साकट जन औश्वान को, फेरि जवाब न देय |
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