Hindi, asked by shivenk2008, 5 months ago

meghalay ke Sanskriti aur Riti riwaj ke bare mein 60 se 50 word mein likhiye

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Answered by hemalatajambhare537
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Answer:

यह क्षेत्र जनजातीय संस्कृति और लोक परम्परा से समृद्ध है। भैंस के सींगों, बाँसुरी और मृदंगों से निकली स्वर लहरियों के साथ नृत्य और मदिरापान यहाँ के सामाजिक समारोहों व धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न अंग है। विवाह सम्बन्ध अपने कुल-गोत्र के बाहर होते हैं। 19वीं सदी के मध्य में ईसाईयत के आगमन और उसके साथ जुड़ी सख़्त नैतिकता ने अनेक जनजातीय और सामुदायिक संस्थाओं को क्षति पहुँचाई है। गारो जाति के लोगों में एक विचित्र प्रथा यह है कि शादी के बाद सबसे छोटा दामाद अपने सास-ससुर के घर आकर रहने लगता है और उसकी सास के मायके में उसके ससुर का प्रतिनिधि नोकरोम बन जाता है। यदि ससुर की मौत हो जाती है तो, नोकरोम की उसकी विधवा सास की शादी कर दी जाती है (और इस विवाह को दाम्पत्य की सम्पूर्णता भी प्रदान की जाती है) और इस तरह वह माँ और बेटी, दोनों का पति बन जाता है। यह रिवाज अब ख़त्म होता जा रहा है। ख़ासियों में पहले नरबलि की प्रथा भी थी।

मेघालय राज्य में अनेक गुफ़ाएँ, पर्वत शिखर, बाग़, झील-रिज़ॉर्ट स्थल, ख़ूबसूरत दृश्यावलियाँ, गर्म पानी के सोते और जलप्रपात हैं। प्रमुख पर्यटक स्थल हैं-शिलांग, उमियाम, चेरापूँजी, मॉसिनराम, जाक्रीयम, माईरांग, जोवाई, नार्तियांग, थदलाशीन, तुरा, सीजू और बलपाक्रम राष्ट्रीय उद्यान। 1993 में लगभग 1,57,000 पर्यटक राज्य में आए।

त्‍योहार

मेघालय में ‘का पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्‍योहार है।

जो पांच दिन तक मनाया जाता है। इसे 'नोंगक्रेम' के नाम से भी जाना जाता है।

यह शिलांग से लगभग 11 किमी की दूरी पर स्थित 'स्मित' नामक गांव में मनाया जाता है।

'शाद सुक मिनसीम' खासियों का महत्‍वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल अप्रैल के दूसरे हफ़्ते में शिलांग में मनाया जाता है।

'बेहदीनखलम जयंतिया' आदिवासियों का महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है।

यह जुलाई माह में जयंतिया पहाडियों के जोवई कस्‍बे में मनाया जाता है।

गारो आदिवासी सलजोंग (सूर्य देवता) नामक देवता के सम्‍मान में अक्टूबर-नवंबर में 'वांगला' नामक त्‍योहार मनाते हैं।

यह त्‍योहार लगभग एक हफ्ते तक मनाया जाता है।

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