Hindi, asked by saumyasingh8681, 1 year ago

Melo ka mahatva par anoched


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Answered by raj1294414856
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कुम्भ महोत्सव पौष मास की पूर्णिमा से प्रारंभ होता है. कुम्भ महोत्सव प्रत्येक चौथे वर्ष नासिक, इलाहाबाद, उज्जैन, और हरिद्वार में बारी-बारी से मनाया जाता है. प्रयाग कुम्भ विशेष महत्व रखता है.

प्रयाग कुम्भ का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह 12 वर्षो के बाद गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम पर आयोजित किया जाता है. हरिद्वार में कुम्भ गंगा के तट पर और नासिक में गोदावरी के तट पर आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर नदियों के किनारे भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं.

प्रयाग कुम्भ

यह कुम्भ अन्य कुम्भों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रकाश की ओर ले जाता है. यह ऐसा स्थान है जहां बुद्धिमत्ता का प्रतीक सूर्य का उदय होता है. इस स्थान को ब्रह्माण्ड का उद्गम और पृथ्वी का केंद्र माना जाता है.

ऐसी मान्यता है कि ब्रह्माण्ड की रचना से पहले ब्रम्हाजी ने यहीं अश्वमेघ यज्ञ किया था. दश्वमेघ घाट और ब्रम्हेश्वर मंदिर इस यज्ञ के प्रतीक स्वरुप अभी भी यहां मौजूद हैं. इस यज्ञ के कारण भी कुम्भ का विशेष महत्व है. कुम्भ और प्रयाग एक दूसरे के पर्यायवाची है.

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